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राष्ट्रपति से कितना अलग होता है उपराष्ट्रपति चुनाव? आसान भाषा में समझें

नई दिल्ली, राष्ट्रपति चुनावों के बाद अब देश में उप राष्ट्रपति चुनावों की भी घोषणा हो चुकी है. बता दें, देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है. देश में 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव करवाए जाएंगे. जहां चुनाव से जुड़ी अधिसूचना 5 जुलाई को जारी की जाएगी. […]

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राष्ट्रपति से कितना अलग होता है उपराष्ट्रपति चुनाव? आसान भाषा में समझें
  • June 29, 2022 5:08 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, राष्ट्रपति चुनावों के बाद अब देश में उप राष्ट्रपति चुनावों की भी घोषणा हो चुकी है. बता दें, देश के मौजूदा उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू का कार्यकाल 11 अगस्त को खत्म हो रहा है. देश में 6 अगस्त को उपराष्ट्रपति चुनाव करवाए जाएंगे. जहां चुनाव से जुड़ी अधिसूचना 5 जुलाई को जारी की जाएगी. उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर 19 जुलाई तक नामांकन दाखिल किया जाएगा.

कितना अलग है उपराष्ट्रपति का चुनाव?

1. संसद के दोनों सदनों के सदस्य वोट डालते हैं: राष्ट्रपति चुनावों में संसद के साथ-साथ विधायकों की भी अहम् भूमिका होती है. जहां सांसदों के साथ-साथ विधायक भी मतदान करते हैं. लेकिन उपराष्ट्रपति चुनाव में केवल लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डालते हैं. उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनी निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए किया जाता है. उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति से होता है.

2. इन चुनावों में मनोनीत सांसद यानी संसद में राष्ट्रपति द्वारा चुने गए कुल 12 सदस्य जो कला, साहित्य, पत्रकारिता व खेल जैसे क्षेत्रों से आते हैं भी भाग लेते हैं. जहां राष्ट्रपति चुनाव में इनकी कोई भूमिका नहीं होती. राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद वोट नहीं डाल सकते हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव में दोनों सदनों के 790 निर्वाचक हिस्सा लेते हैं जबकि राज्यसभा के चुने हुए 233 सदस्य और 12 मनोनीत सदस्यों के अलावा लोकसभा के 543 चुने हुए सदस्य और दो मनोनीत सदस्य भी वोट कर सकते हैं.

कौन लड़ सकता है उपराष्ट्रपति चुनाव?

1. उम्मीदवार भारत का नागरिक हो।
2. वह 35 साल वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
3. नामांकन दाखिल करने वाला राज्यसभा के लिए चुने जाने की योग्यताओं को पूरा करता हो।
4. राज्य या संघ राज्य क्षेत्र में संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता होना चाहिए।
5. कोई व्यक्ति, जो भारत सरकार के या किसी राज्य सरकार के अधीन या किसी अधीनस्थ स्थानीय प्राधिकरण के अधीन कोई लाभ का पद धारण करता है वह उपराष्ट्रपति नहीं बन सकता.
6. उम्मीदवार संसद के किसी सदन का या किसी राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं होना चाहिए। यदि वह सदस्य है तो उपराष्ट्रपति बनने के लिए उसे अपनी सदस्य्ता छोड़नी होगी.

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