चडीगढ़/नई दिल्ली: हरियाणा में अब कुछ ही घंटों के बाद विधानसभा चुनाव की वोटिंग होने वाली है. इससे पहले 3 अक्टूबर को चुनाव प्रचार का शोर खत्म हो गया. इस चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस के साथ ही कई क्षेत्रीय दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है. एक ओर जहां बीजेपी अपनी 10 साल की सत्ता […]
चडीगढ़/नई दिल्ली: हरियाणा में अब कुछ ही घंटों के बाद विधानसभा चुनाव की वोटिंग होने वाली है. इससे पहले 3 अक्टूबर को चुनाव प्रचार का शोर खत्म हो गया. इस चुनाव में बीजेपी, कांग्रेस के साथ ही कई क्षेत्रीय दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंकी है. एक ओर जहां बीजेपी अपनी 10 साल की सत्ता बचाने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस 10 वर्षों के वनवास को दूर करने का प्रयास कर रही है.
हालांकि, कांग्रेस की सत्ता में आने की राह आसान नहीं नजर आ रही है. चुनाव की घोषणा होने के पहले से ही कांग्रेस में आपसी फूट की खबरें खुलकर सामने आईं. राज्य में भूपेंद्र हुड्डा गुट और कुमारी शैलजा गुट के बीच सीएम पद को लेकर सीधा टकराव है. दोनों ही नेता कांग्रेस के सरकार में आने पर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं. कांग्रेस आलाकमान पार्टी की इस आपसी कलह से काफी परेशान है.
इस बीच वोटिंग से पहले कुमारी शैलजा ने एक बार फिर से सीएम की कुर्सी पर अपना दावा ठोका है. उन्होंने कहा है कि वो सीनियर और काबिल हैं. इसी वजह से उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए. इस बीच गुरुवार को कांग्रेस में शामिल हुए दिग्गज नेता अशोक तंवर ने भी बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि कुमारी शैलजा वरिष्ठ नेता हैं और उनकी मांगों को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है. तंवर का समर्थन मिलने के बाद अब शैलजा की सीएम दावेदारी और मजबूत हो गई है.
वहीं, कुमारी शैलजा ने वोटिंग से एक दिन पहले यानी शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचकर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. मतदान से ऐन पहले उनका सोनिया गांधी से मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है. सियासी गलियारों के दावों की मानें तो शैलजा ने सीएम की कुर्सी के सिलसिले में सोनिया से मिलीं हैं. वह मतदान से पहले ही गांधी परिवार से मुख्यमंत्री बनाने का आश्वासन चाहती हैं.
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