Home Ministry on Social Media Fake News: सूत्रों का दावा फर्जी खबरों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय उठा रहा कदम, पुलिस की स्पेशल टीम रखेगी नजर

Home Ministry on Social Media Fake News: सूत्रों का दावा है कि फर्जी खबरों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय कड़े कदम उठा रहा है. पुलिस की स्पेशल टीम अब सोशल मीडिया पर नजर रखेगी. सूत्रों का कहना है कि पुलिस की स्पेशल टीम को सोशल मीडिया पर फेक प्रोपेगंडा फैलाने वालों पर और एंटी इंडिया प्रोटेस्ट पर नजर रखने के लिए कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने फेक न्यूज यानी फर्जी खबर फैलाने वाले ग्रुप और व्यक्तियों पर रियल टाइम इंटेलिजेंस इकठ्ठा करने के लिए कहा.

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Home Ministry on Social Media Fake News: सूत्रों का दावा फर्जी खबरों से निपटने के लिए गृह मंत्रालय उठा रहा कदम, पुलिस की स्पेशल टीम रखेगी नजर

Aanchal Pandey

  • October 9, 2019 2:27 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 years ago

नई दिल्ली. गृह मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से खबर है कि सोशल मीडिया पर फेक प्रोपैगेंडा और एंटी- इंडिया प्रोटेस्ट यानी की भारत विरोधी प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस की स्पेशल टीम नजर रखेगी. पुलिस की ये स्पेशल टीम इन लोगों पर तकनीक का इस्तेमाल करके नजर रखेगी. तकनीक के जरिए देश विरोधी गतिविधि फैलाने वालों पर पुलिस की स्पेशल टीम नजर रखेगी. खबर है कि गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस प्रमुखों को सोशल मीडिया पर खास ध्यान रखने के लिए कहा है. सूत्रों का कहना है कि पुलिस की स्पेशल टीम को सोशल मीडिया पर फेक प्रोपेगंडा फैलाने वालों पर और एंटी इंडिया प्रोटेस्ट पर नजर रखने के लिए कहा गया है. सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने फेक न्यूज यानी फर्जी खबर फैलाने वाले ग्रुप और व्यक्तियों पर रियल टाइम इंटेलिजेंस इकठ्ठा करने के लिए कहा.

सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इससे पहले 3 अक्टूबर को कहा था कि फेक न्यूज पेड न्यूज से ज्यादा खतरनाक है और सरकार और मीडिया को इससे निपटने की जरूरत है. उन्होंने कहा था कि सरकार मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाएगी. उन्होंने सुझाव दिया कि ओवर-द-टॉप प्लेटफार्मों (ओटीटी) पर किसी तरह का विनियमन होना चाहिए, क्योंकि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ फिल्मों के लिए भी ये जरूरी है. जावड़ेकर ने कहा था कि मुख्यधारा के कई मीडिया आउटलेट्स ने सरकार को बताया है कि ओटीटी प्लेटफार्मों के साथ कोई भी स्तर का खेल मैदान पूरी तरह से अनियंत्रित नहीं था. मैंने इससे निपटने के लिए सुझाव मांगे हैं क्योंकि ओटीटी पर नियमित रूप से फीचर फिल्में आ रही हैं – अच्छी, बुरी और बेकार. तो इससे कैसे निपटा जाए, किसे मॉनिटर करना चाहिए, किसको रेगुलेट करना चाहिए.

उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए कोई प्रमाणन निकाय नहीं है और इसी तरह समाचार पोर्टल भी हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले पर कोई फैसला नहीं लिया है. प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया प्रिंट मीडिया का ख्याल रखता है, न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) समाचार चैनलों की निगरानी करता है, विज्ञापन मानक परिषद भारत के विज्ञापन के लिए है जबकि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) फिल्मों की देखभाल करता है. उन्होंने कहा, हालांकि, ओटीटी प्लेटफार्मों के लिए कुछ भी नहीं है.

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