गृह मंत्रालय ने फैसला किया है कि साल 2021 की जनगणना में ओबीसी के आंकड़े भी जुटाए जाएं. इसके अलावा 2021 की जनगणना में 7 से 8 साल की जगह 3 साल बाद अंतिम रूप दिया जाएगा.
नई दिल्ली. साल 2021 की जनगणना में केंद्र की मोदी सरकार पहली बार अन्य पिछड़ा वर्ग यानि ओबीसी की भी गिनती करेगी. ये जानकारी गृह मंत्रालय की ओर से सामने आई है. बता दें कि अन्य पिछड़ा वर्ग के नेताओं द्वारा लंबे समय से ओबीसी के आंकड़े जारी करने की मांग की जाती रही है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि 2021 की जनगणना में 7 से 8 साल की जगह 3 साल बाद अंतिम रूप दिया जाएगा और ऐसा पहली बार होगा जब अन्य पिछड़ा वर्ग का डेटा भी इसमें शामिल किया जा रहा है.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 2021 में जनगणना के लिए रोडमैप तैयार करने पर चर्चा की और इसकी तैयारी की समीक्षा की जिस दौरान तीन साल के अंदर इस डेटा को अंतिम रूप देने पर भी जोर दिया गया. अभी की स्थिति ऐसी है कि 7 से 8 सालों में ये डेटा जारी किया जाता है.
इसके लिए डिजाइन तैयार कर तकनीक में भी सुधार किया जाएगा. इसके अभ्यास में गणना करने वाले करीब 25 लाख लगे हैं. संबंधित अधिकारी ने बताया कि घर की सूची के समय नक्शे और भू-संदर्भ के उपयोग पर भी विचार किया जा रहा है. इंटीरियर इलाकों में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण जैसे आंकड़े भी जुटाए जाएंगे.