लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने होली खेलकर बड़ा ही प्यारा पैगाम दिया। गीत-संगीत पर मुस्लिम महिलाओं ने जमकर डांस किया। एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी। PM मोदी के संसदीय क्षेत्र की इन मुस्लिम महिलाओं ने लोगों को पैगाम दिया है कि कोई कुछ भी कर ले, हम […]
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने होली खेलकर बड़ा ही प्यारा पैगाम दिया। गीत-संगीत पर मुस्लिम महिलाओं ने जमकर डांस किया। एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की बधाई दी। PM मोदी के संसदीय क्षेत्र की इन मुस्लिम महिलाओं ने लोगों को पैगाम दिया है कि कोई कुछ भी कर ले, हम न टूटेंगे और न झुकेंगे…. हम कल भी एक थे…. आज भी एक है…. कल भी ऐसा ही होगा। सभी त्योहार मिलजुल कर मनाए जाएँगे। मुस्लिम महिलाओं ने भी PM मोदी की तस्वीर पर गुलाल मलकर होली खेली।
आपको बता दें, मुस्लिम महिलाओं ने गुलालों होली के जरिए एकता का पैगाम दिया है। गुलाब की पंखुड़ियां और उड़ता गुलाल बनारस की गलियों में खुशियाँ बिखेरता है। रंगों के इस त्योहार होली में सभी भेदभावों से मुक्ति का संदेश छुपा हुआ है। नाजनीन अंसारी ने कहा, ‘हमारे पूर्वजों की होली का रंग हमारे खून में है। नफरत की होली खून से खेली जाती है और प्यार की होली रंग से खेली जाती है।
देश को बाँटेने वाले आतंकियों को मुस्लिम महिलाओं ने करारा जवाब दिया है और कहा है कि उनकी बातों से कोई अलग नहीं होगा। होली प्रेम और एकता का पर्व है। यह कोई भेद नहीं मानता। भारतीयों के लिए यह पर्व रिश्तों में अमृत के समान है। धर्म के ठेकेदारों को भारतीय त्योहारों को धर्म के आधार पर नहीं बाँटेना चाहिए। महिलाओं ने एक दूसरे को गुलाल और मुँह में लड्डू खिलाकर सुंदर भारत की तस्वीर पेश की।
आपको बता दें, मुस्लिम महिलाओं ने सुभाष मंदिर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर गुलाल लगाकर और मोदी की तस्वीर पर गुलाल लगाकर होली खेली। जब हिंदू भाई ईद में गले मिलते हैं और रोजा इफ्तार करते हैं, तो मुसलमानों को भी होली समारोह आयोजित करना चाहिए। वे मौलाना झूठे हैं जो दावा करते हैं कि ईमान को रंग लगाने से खतरा होगा। जब एक रंगरेज दिन भर कपड़े रंगता है, तो उसका ईमान खतरे में नहीं पड़ता। सभी को मिलकर होली मनानी चाहिए।