नई दिल्ली, होली के त्यौहार से पहले 8 दिनों यानि होलाष्टक (Holashtak 2022) को अशुभ माना जाता है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक ये फाल्गुन माह, शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को पड़ता है, और ये होलाष्टक पूर्णिमा यानि होलिका दहन तक रहता है. ज्योतिषविदों के मुताबिक इस साल होलाष्टक (Holashtak) 10 मार्च से शुरू हुआ और ये 17 मार्च 2022 को समाप्त होगा. फाल्गुन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा तक होलाष्टक दोष रहेगा. होलिका दहन (Holika Dahan) का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारतीय क्षेत्रों जैसे पंजाब, बिहार, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मनाया जाता है.
हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव की तपस्या को भंग करने के अपराध में शिव जी ने फाल्गुन माह की अष्टमी तिथि को कामदेव को भस्म कर दिया था. जिसके बाद कामदेव की पत्नी रति ने इन आठ दिनों तक तपस्या की, तब जाकर भगवान शिव ने कामदेव को पुनः जीवित करने का आश्वासन दिया था.
होलाष्टक के दौरान आपको शुभ कार्य करने से बचना चाहिए जैसे कि बच्चे का नामकरण, सगाई और गृह प्रवेश आदि. साथ ही, होलाष्टक के दौरान विवाह करना भी अशुभ माना जाता है. इस दौरान कोई नई चीज या वस्त्र भी नहीं खीदने चाहिए और न ही पहनने चाहिए. इसी कड़ी में होलाष्टक के दौरान कोई भी नया व्यवसाय या नया काम शुरू करने से बचना चाहिए.
वहीं, होलाष्टक के दौरान दान-दक्षिणा करनी चाहिए, तिल और शक्कर से हवन करना चाहिए व भगवान का स्मरण करना चाहिए. इस दौरान चावल, घी और केसर से हवन करें, इससे सौभाग्य भी मिलता है. इस दौरान नवग्रह की कृपा प्राप्ति के लिए भगवान शिव का पंचामृत अभिषेक करें.
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