सुप्रीम कोर्ट: नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला देते हुए विवाहित महिलाओं की तरह ही अविवाहित महिलाओं को भी गर्भपात का अधिकार दे दिया है। फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत की सभी महिलाओं को चुनने का अधिकार है। सर्वोच्च अदालत ने कहा सभी महिलाओ […]
नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला देते हुए विवाहित महिलाओं की तरह ही अविवाहित महिलाओं को भी गर्भपात का अधिकार दे दिया है। फैसले के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत की सभी महिलाओं को चुनने का अधिकार है। सर्वोच्च अदालत ने कहा सभी महिलाओ को एमटीपी एक्ट के तहत 24 हफ्ते तक गर्भपात कराने का अधिकार है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का ये मतलब है कि अब भारत की सभी महिलाओं 24 हफ्ते तक गर्भपात करा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी रूल्स के नियम 3-बी का विस्तार कर दिया है। कोर्ट ने विवाहित और अविवाहित महिलाओं के गर्भपात के अधिकार के भेद को मिटा दिया है।
बता दें कि अभी तक सिर्फ विवाहित महिलाओं को ही सामान्य मामलों में 24 हफ्ते से कम के गर्भ के एबॉर्शन का अधिकार प्राप्त था। भारत में गर्भपात कानून के तहत विवाहित और अविवाहित महिलाओं के बीच कोई भेद नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एक अविवाहित महिला को भी ये अधिकार है कि वो विवाहित महिला के समान बच्चे जन्म दे या नहीं।
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