देश-प्रदेश

हीरानंदानी ने खोले बड़े राज, कहा महुआ मोइत्रा ने फेम के लिए किया मेरा इस्तेमाल

नई दिल्लीः हीरानंदानी ग्रुप के सीईओ दर्शन हीरानंदानी ने तृणमूल कॉन्ग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हीरानंदानी ने एक बयान जारी कर कहा है कि मोइत्रा ने उनके साथ अपनी संसद की आईडी-पासवर्ड शेयर कर रखी थी, ताकि वो खुद सवाल अपलोड कर सकें पूछने के लिए। दर्शन ने साथ ही ये भी कहा की मोइत्रा जल्द से जल्द फेम पाना चाहती थीं। ऐसे में उनके करीबियों ने उन्हें ये राय दी की वे प्रधानमंत्री के खिलाफ बोलना शुरू करें। मगर प्रधानमंत्री के खिलाफ जब कुछ नहीं मिला तो मोइत्रा ने सोचा क्यों न गौतम अडानी और उनके ग्रुप पर हमला बोला जाए क्योंकि दोनों समकालीन हैं और एक ही राज्य से आते हैं।

पूरा मामला

हीरानंदानी और महुआ मोइत्रा के दोस्त रहे जय अनंत देहाद्राई ने CBI को पत्र लिख कर ये आरोप लगाए थे की प्रधानमंत्री और अडानी ग्रुप को बदनाम करने के लिए मोइत्रा को हीरानंदानी से पैसे मिल रहे हैं। इसके बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र भेज कार्रवाई की मांग की थी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पीकर ने इसे संसद की आचार समिति के पास भेज दिया।

 

क्या है हीरानंदानी के पत्र में?

दर्शन हीरानंदानी ने एफिडेविट के जरिए कहा है, ” ये दोनों पत्र मेरे संज्ञान में आए हैं। इन दोनों चिट्ठियों के आधार पर कई मीडिया रिपोर्ट्स बनी हैं जिनमें मेरा नाम प्रमुखता से आया है, ऐसे में मैं इस पूरे मामले को करीब से देख रहा हूँ। मेरी जानकारी में इससे संबंधित जो भी तथ्य हैं उन्हें मैं रख रहा हूं।”

हीरानंदानी ने बताया की 2017 में आयोजित ‘बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट’ के समय से महुआ मोइत्रा से उनकी मुलाकात हुई, जिसमें उन दोनों ने एक दुसरे के कांटेक्ट नंबर्स एक्सचेंज किये थे। इसके बाद कुछ ही समय में दर्शन की मोइत्रा से अच्छी दोस्ती हो गयी और वे अक्सर सोशल इवेंट्स पर मिला करते थे। हीरानंदानी के बयान के मुताबिक महुआ मोइत्रा का व्यवहार ऐसा था कि अगर उन्होंने कुछ करने के लिए कह दिया तो सब कुछ छोड़ कर पहले उनका काम ही पूरा होना चाहिए। उन्होंने बताया है कि महुआ मोइत्रा कंट्रोलिंग थीं और उनका मिजाज दबंग वाला था। अक्सर वो सब कुछ को अर्जेन्ट और संकटपूर्ण बता कर उनके समय को कंट्रोल करती थीं।

दर्शन ने बताया है कि मोइत्रा काफी महत्वाकांक्षी थीं और राष्ट्रीय स्तर पर अपने लिए नाम बनाना चाहती थीं और उनके दोस्तों और सलाहकारों ने उन्हें बताया था कि इसके शॉर्टकट है भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले करना। उन्होंने माना है कि पीएम मोदी एक निष्कलंक प्रतिष्ठा वाले व्यक्ति हैं और किसी को भी सरकारी नीतियों, प्रशासन या व्यक्तिगत आचरण पर हमले करने का मौका नहीं देते।

हीरानंदानी ने आगे लिखा, “महुआ मोइत्रा को लगा कि पीएम मोदी पर व्यक्तिगत हमला करने का रास्ता है गौतम अडानी को निशान बनाना, क्योंकि दोनों समकालीन हैं और एक ही राज्य से आते हैं। देश के बाहर और देश में भी मीडिया, कारोबार और राजनीति में कई लोग गौतम अडानी के उदय से जलने लगे थे, इससे महुआ मोइत्रा को मदद मिली। इसीलिए पीएम मोदी को बदनाम करने और उन्हें नीचा दिखाने के लिए गौतम अडानी पर हमला कर महुआ मोइत्रा को इन लोगों से समर्थन की उम्मीद थी। वो जानती थीं कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन अडानी समूह की धर्मा एलएनजी के साथ करार कर रही है, मेरी कंपनी के साथ नहीं।”

इन्हीं सूचनाओं को आधार बना कर गौतम अडानी को नीचा दिखाने के लिए महुआ मोइत्रा ने कुछ सवाल तैयार किए ताकि वो संसद में पूछ सके। उन्होंने अपनी ईमेल आईडी पर कुछ सूचनाएँ उनसे मांगी। दर्शन ने बताया कि अडानी ग्रुप से सम्बंधित उनके द्वारा भेजे गए कुछ सवालों पर आई प्रतिक्रियाओं से वो खुश हुईं, जिसके बाद उन्होंने अपनी संसद की आईडी-पासवर्ड तक दर्शन हीरानंदानी के साथ शेयर कर दी, ताकि वो खुद सवाल अपलोड कर सकें पूछने के लिए।

हीरानंदानी ने आगे कुछ बड़े नाम लेते हुए बताया की इस दौरान सुचेता दलाल, शार्दुल श्रॉफ और पल्लवी श्रॉफ गौतम अडानी के बारे में अपुष्ट जानकारियां महुआ मोइत्रा को दे रहे थे। साथ ही दर्शन ने ये भी कहा की मोइत्रा राहुल गांधी सहित और भी कांग्रेस के कई बड़े नेता जैसे शशि थरूर और पिनाकी मिश्रा के संपर्क में थीं। फाइनेंसियल टाइम्स, न्यूयॉर्क टाइम्स और बीबीसी के अलावा कई भारतीय मीडिया संस्थान भी मोइत्रा के संपर्क में थे। इससे हीरानंदानी को भी फायदा होता था इसलिए वो मोइत्रा का साथ देते थे।

दर्शन आगे कहते हैं कि इसके बदले में महुआ मोइत्रा ने उनसे भी कई काम करवाए और उनके समर्थन की एवज में उन्हें ये सब करना पड़ा, जिसमें शामिल था दिल्ली में उनके बँगले की मरम्मत, यात्रा के खर्च, महँगे तोहफे। यहां तक कि मोइत्रा के भारत के अंदर और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए भी उन्हें व्यवस्था करनी पड़ी।

हीरानंदानी ने कहा, “कई बार मुझे लगा कि वो मेरा गलत फायदा उठा रही हैं और मुझ पर ऐसे-ऐसे काम करने का दबाव बना रही हैं जो मैं नहीं करना चाहता था। लेकिन, मेरे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था, ऊपर बताए गए कारणों की वजह से। चूंकि संसद और न्यायपालिका में ये मामला आ चुका है, मैंने अपनी जिम्मेदार समझी कि मैं तथ्यों को सबके सामने रखूं

Sachin Kumar

मैं सचिन कुमार, इनखबर टीम में कंटेंट राइटर की पोस्ट पर हूं। मुझे पोलिटिक्ल और स्पोर्टस की खबरें लिखने में काफी रुची है।

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