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बाबर की छाती पर हिंदुओं ने गाड़ दिया भगवा झंडा! लाखों की भीड़ ने ऐसे तोड़ी मस्जिद नहीं मिली एक भी ईंट

Babri Masjid Demolition: कहा जाता है कि हिन्दुओं में इतना रोष था कि रामलला की जगह पर उन्होंने ईंट का एक टुकड़ा तक नहीं मिला। बाबर की निशानी ऐसे मिटाई कि मिट्टी तक नहीं रहने दिया। 6 बजे तक मस्जिद गिराकर वहां एकदम सन्नाटा छाया हुआ था।

Babri Masjid
inkhbar News
  • December 6, 2024 9:12 am Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

Babri Masjid Demolition Anniversary: आज बाबरी विध्वंस की 32वीं बरसी है। 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों उमड़ी भीड़ ने बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। 6 दिसंबर को जहां हिन्दू शौर्य दिवस के रूप में मनाते हैं तो वहीं मुस्लिम इसे काले दिवस के तौर पर। बाबरी विध्वंस के कारण लंबे समय तक रामनगरी अयोध्या में तनाव बना रहा। जब विवादित ढाँचे को गिराया गया था उस समय यूपी में कल्याण सिंह सीएम थे। बाबरी मस्जिद गिराने का आरोप कल्याण सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी और उमा भारती पर लगे।

खौला खून और गिरा दी मस्जिद

6 दिसंबर को 4-6 लाख कारसेवक अयोध्या में थे। इनमें से ज्यादातर लोग दक्षिण भारत या महाराष्ट्र-राजस्थान से थे। विवादित ढांचे से करीब 300 मीटर दूर रामकथा कुंज पर बीजेपी-वीएचपी की मीटिंग हो रही थी। इस मीटिंग में लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, साध्वी ऋतम्भरा, मुरली मनोहर जोशी, विजया राजे सिंधिया जैसे बड़े नेता मौजूद थे। सब कुछ ठीक चल रहा था तभी अचानक कुछ लोग भड़क गए मस्जिद की तरफ बढ़ चले। 15 मिनट के अंदर जनता ने कोहराम मचा दिया। लोगों ने दीवार गिरा दी, लोहे की पाइप उखाड़ फेंकी। 12 बजे तोड़फोड़ शुरू हुई और 5 बजे तक वहां से लाखों की भीड़ मिट्टी और ईंटे उठा ले गए।

मिट्टी तक उठा ले गए लोग

कहा जाता है कि हिन्दुओं में इतना रोष था कि रामलला की जगह पर उन्होंने ईंट का एक टुकड़ा तक नहीं रहने दिया। बाबर की निशानी ऐसे मिटाई कि मिट्टी तक नहीं रहने दिया। 6 बजे तक मस्जिद गिराकर वहां एकदम सन्नाटा छाया हुआ था। बाबरी विध्वंस के मलबे में दबने से 4 लोगों की मौत हो गई, 251 लोग घायल हो गए थे। भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में अगर उस दिन बाबरी मस्जिद नहीं गिरी होती तो राम मंदिर पर फैसला आना संभव नहीं दिख रहा था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने जब राम मंदिर पर फैसला सुनाया तो उसने कहा कि बाबरी मस्जिद को तोड़ना अपराध था। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की गई और अब बाबरी मस्जिद की जगह पर भव्य राम मंदिर विराजमान है।

 

 

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