देश-प्रदेश

हिंदुजा समूह ने किया नौकरों का शोषण, साढ़े चार साल की सजा

नई दिल्ली. इंडियन बिजनेस फैमिली हिंदुजा पर लोगों को स्विटजरलैंड ले जाकर शोषण करने के गंभीर आरोप लगे हैं. अब कोर्ट ने उद्यमी और उसके परिवार को 4.5 साल के कारावास की सजा सुनाई है. यह उद्योगपति कोई और नहीं बल्कि अशोक लेलैंड कंपनी के मालिक भारतीय मूल के टाइकून प्रकाश हिंदुजा परिवार है. कंपनी के मालिक समेत परिवार के चार सदस्यों पत्नी (कमल हिंदुजा), बेटे (अजय हिंदुजा), बहू (नम्रता), सदस्य (प्रकाश हिंदुजा) को जेल की सजा सुनाई गई है. इन्हें 4.5 साल की सजा हुई है.

जेल जाने की नौबत

आपको बता दें कि हिंदुजा परिवार ब्रिटेक के अमीर परिवारों में से एक है. आपने ‘ये मेरा इंडिया’ फिल्म बहुत बार देखी होगी। उसमें नौकरानी के किरदार में सीमा और मालकिन के किरदार में सारिका का नौकरानी के साथ खराब व्यवहार आपने जरूर देखा होगा। हिंदुजा परिवार ने भी कुछ ऐसा ही किया और अब जेल जाने की नौबत है.

नौकरों के साथ दुर्व्यवहार

बिजनेस परिवार हिंदुजा पर आरोप है कि वह भारत से अपने नौकरो को जेनेवा मेंशन में काम कराने के लिए ले गये। जैसे ही वे स्विट्जरलैंड पहुंचे पासपोर्ट जबरन जब्त कर लिये. घर से बाहर जाने की आजादी बहुत कम दी, और काम कराने के बाद उन्हें पैसे बहुत कम दिये जाते थे।

जेनेवा अदालत में मामले की सुनवाई

अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा हिंदुजा परिवार घरेलू नौकरों के साथ दुर्व्यवहार और शोषण करने का दोषी है। अदालत उन्हें 4.5 सालों तक की जेल की सजा सुनाई । मानव तस्करी के भी आरोप लगे थे लेकिन ये आरोप साबित नहीं हो पाया लिहाजा इस मामले में उन्हें बरी कर दिया गया.

कोर्ट के बाहर समझौता लेकिन अदालत में सजा

तीन घरेलू नौकरों ने अशोक लीलैंड कंपनी के मालिक पर शोषण करने का आरोप लगाया था.उनके और परिवार के बीच कोर्ट के बाहर समझौता लगभग हो गया था लेकिन अदालत ने उसे नहीं माना और फैसला सुना दिया. चारों आरोपी सदस्य जेनेवा अदालत में नहीं आए थे। सुनवाई में एक अन्य प्रबंधक नजीब जियाजी नामक व्यक्ति जो अदालत में था. उसे 18 महीने की जेल की सजा सुनाई गई. फिलहाल सजा को निलंबित रखा गया है।

18 घंटे से ज्यादा करवाते थे कम

आपको बता दें नौकरों का स्टाफ अधिकतर अशिक्षित था। यह रूह कंपाने वाली जानकारी है। सैलरी के नाम पर सिर्फ 250 से 450 डॉलर ही प्रतिमाह ( 20,000 – 35,000 रुपए हर महिने) दिए जाते थे। स्विट्जरलैंड के हिसाब से यह बहुत कम सैलरी है। हालांकि सैलरी फ्रैंक मुद्रा की बजाय भारतीय मुद्रा रुपए में दिए जाते थे। इससे कहीं ज्यादा अधिक खर्चा हिंदुजा परिवार प्रति महा अपने कुत्तों पर कर देता था। हिंदुजा समूह का कारोबार 38 देशों में फैला हुआ है। यह कंपनी करीब 2 लाख लोगों को रोजगार दे रही है.

Inkhabar Team

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