Rajasthan Cabinet Reshuffle: नए मंत्रिमंडल से इन विधायकों ने जताई नाराजगी, कहा- भ्रष्ट मंत्री को प्रमोट कर बढ़ाया भ्रष्टाचार

राजस्थान. Rajasthan Cabinet Reshuffle राजस्थान में आज नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह सम्पन हो चूका है. कुल 30 मंत्री बनाए गए हैं. जिनमें 10 पुराने चेहरे शामिल हैं. साथ ही 12 नए चेहरों को भी शामिल किया गया है. नए मंत्री मंडल के बावजूद भी पार्टी में कुछ विधायकों ने इसका विरोध किया है. […]

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Rajasthan Cabinet Reshuffle: नए मंत्रिमंडल से इन विधायकों ने जताई नाराजगी, कहा- भ्रष्ट मंत्री को प्रमोट कर बढ़ाया भ्रष्टाचार

Aanchal Pandey

  • November 21, 2021 8:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

राजस्थान. Rajasthan Cabinet Reshuffle राजस्थान में आज नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह सम्पन हो चूका है. कुल 30 मंत्री बनाए गए हैं. जिनमें 10 पुराने चेहरे शामिल हैं. साथ ही 12 नए चेहरों को भी शामिल किया गया है. नए मंत्री मंडल के बावजूद भी पार्टी में कुछ विधायकों ने इसका विरोध किया है. नाराज विधायकों में जौहरी लाल मीणा का नाम पहले नंबर पर है जिन्होंने टीकाराम जूली को मंत्री बनाए जाने पर खुलकर विरोध जताया है. 

उन्होंने बताया कि टीकाराम जूली भ्रष्ट नेता है और करोड़ो की वसूली मामलें शामिल है. जौहरी लाल मीणा ने बताया कि मेने पहले भी पार्टी से उन्हें हटाने के लिए कहा था लेकिन अब उन्हें मंत्री (कैबिनेट) बनाया गया है। वहीँ उनपर पलटवार करते हुए टीकाराम जूली ने उनसे सबूत देने को कहा है। टीकाराम ने कहा कि जौहरी लाल मीणा पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं लेकिन उनके द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं।” जूली ने आगे कहा “अगर उनके पास अपने आरोपों के समर्थन में कोई सबूत हैं तो उन्हें लेकर सामने आना चाहिए।” जौहरी लाल मीणा के अलावा विधायक साफिया ने कहा की प्रियंका गाँधी ने जिस प्रकार महिलाओं को 40 फीसदी सीट देने की बात कही, लेकिन राजस्थान में ऐसा नहीं हो रहा है.

विधायकों की नाराजगी की वजह!

दरसल कांग्रेस विधायक ने टीकाराम जूली को मंत्री बनाए जाने पर नाराजगी जाहिर की है. उन्हीने बताया कि टीकाराम जूली मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत के करीबी है, जिसकी वजह से उन्हें मंत्री बनाया गया है.

आपको बता दें कि राज्यमंत्री बनाई जा रही जाहिदा खान ने भी मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक समाज से सिर्फ एक मंत्री होने पर सवाल उठाया है। जाहिदा ने कहा है कि पहले मुस्लिम समाज से तीन मंत्री होते थे, अब सिर्फ एक हैं। कम से कम दो मंत्री मुस्लिम समाज से होने चाहिए थे। उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल में अल्पसंख्यक समाज को और ज्यादा हिस्सेदारी मिलनी चाहिए थी।

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