कठुआ में बच्ची से गैंगरेप नहीं: दैनिक जागरण ने पहले खबर छापी, फिर हटाई, अब फिर से लगाई

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि गैंगरेप नहीं हुआ, लेकिन विवाद होने के बाद पहले समूह ने यह खबर हटा ली, लेकिन शाम को दोबारा वेबसाइट पर लगा दी गई. एक प्रमुख अखबार के एेसा करने से कई सवाल खड़े हो गए हैं.

Advertisement
कठुआ में बच्ची से गैंगरेप नहीं: दैनिक जागरण ने पहले खबर छापी, फिर हटाई, अब फिर से लगाई

Aanchal Pandey

  • April 20, 2018 11:53 am Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

जम्मूः कठुआ गैंगरेप मामले में हिंदी अखबार दैनिक जागरण ने शुक्रवार (20 अप्रैल) के संस्करण के फ्रंट पेज पर एक खबर छापी, जिसमें दावा किया गया है बच्ची से गैंगरेप नहीं हुआ. अखबार ने दो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट्स का हवाला देकर यह खबर छापी. लेकिन इस पर जब विवाद बढ़ा तो दैनिक जागरण ने वेबसाइट पर इस खबर के लिंक पर सुप्रीम कोर्ट की एक खबर लगा दी, जिसका कठुआ मामले से कोई संबंध नहीं था. यानी अगर आप कठुआ वाली खबर पर क्लिक करते तो आपको सुप्रीम कोर्ट की खबर नजर आती.

शुक्रवार शाम दैनिक जागरण ने एक बार फिर इस खबर को साइट पर लगा दिया है. एक प्रमुख अखबार की वेबसाइट के एेसा करने से कुछ सवाल खड़े हो गए हैं. पहला- अगर अखबार ने इस खबर को फ्रंट पेज पर अपने रिपोर्टर के हवाले से छापा था तो वेबसाइट से ये खबर कुछ देर के लिए ही सही, क्यों हटाया गई? दूसरा- क्या वेबसाइट को अपने ही अखबार के रिपोर्टर पर यकीन नहीं था? तीसरा- शाम को अगर वेबसाइट ने खबर को दोबारा लगाया तो और क्या सबूत मिले?

वजह जो भी हो, लेकिन इस रिपोर्ट से हर ओर खलबली जरूर मच गई है क्योंकि दैनिक जागरण की इस खबर ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की क्राइम ब्रांच के चार्जशीट पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं जिसमें गैंगरेप के आरोप को पक्ष में दलील दी गई है. सोशल मीडिया पर भी इसका खूब चर्चा है. हर कोई यही जानना चाहता है कि सच क्या है. 

आगे बढ़ने से पहले आपको दिखाते हैं कि वेबसाइट ने इस खबर के लिंक पर कौन सी खबर लगाई थी:

स्क्रीनशॉट में खबर का लिंक ‘कठुआ में बच्ची से रेप नहीं हुआ’ का है और हेडिंग अॉनलाइन है ‘सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट, क्रैश होने के बाद फैली थी हैकिंग की अफवाह’. इससे साफ मालूम चलता है कि समूह ने वेबसाइट पर पहले  कोई और खबर लगाई फिर शाम को दोबारा यही खबर लगा दी. आइए आपको बताते हैं कि अखबार की रिपोर्ट में क्या बातें कही गई हैं.

दैनिक जागरण की रिपोर्ट में कहा गया है कि बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म और हत्या की चार्जशीट में जो साक्ष्य और तथ्य पेश किए गए हैं, उनमें कई चीजें आपस में मेल ही नहीं खाती. अमूमन मृतक की एक की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट होती है लेकिन कठुआ जिला अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट ने एसआईटी को बच्ची की दो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भेजी है. उन दोनों रिपोर्ट्स में ही अंतर है. यह बात तब सामने आई जब आरोपितों के वकील असीम साहनीन को कठुआ अस्पताल सेस दोनों पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली. अखबार के मुताबिक दोनों रिपोर्ट्स में से किसी में भी बच्ची से दुष्कर्म की बात नहीं है.

अखबार ने पहली पोस्टमार्टम रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बच्ची के शरीर पर छह जख्म थे. जिसमें एक कान के पास लगभग दो सेंटीमीटर. ऐसा जख्म आमतौर पर गिरने से होता है. वहीं क्राइम ब्रांच की चार्जशीट के मुताबिक बच्ची की गला घोटने के बाद उसके सिर पर पत्थर मारा गया. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक बच्ची की खोपड़ी में कोई फ्रैक्चर नहीं है. अगर पत्थर मारा गया होता तो जख्म की तीव्रता ज्यादा होती.

अखबार के मुताबिक क्राइम ब्रांच ने दावा किया कि बच्ची की मौत पत्थर मारने से हुई है लेकिन पत्थर पर खून के कोई निशान नहीं पाए गए. यानी बच्ची की मौत पहले ही हो चुकी थी. रिपोर्ट की मानें तो सांस रुकने से हार्ट अटैक से बच्ची ने दम तोड़ा. साथ ही उसके पेट में नशीली दवाई भी मिली है. उसके दाहिने बाजू, पेट और निचले हिस्सों में खरोंच के निशान भी पाए गए हैं.

दूसरी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के हवाले से अखबार ने कहा कि बच्ची के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है. बच्ची का हाइमन फटा था. श्री महाराजा गुलाब सिंह अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ का कहना है कि हाइमन तो घुड़सवारी, तैराकी, साइक्लिंग, जोर का काम आदि करने से भी फट जाती है. वहीं रिपोर्ट में बच्ची के प्राइवेट पार्ट और एफएसएल भेजे गए कपड़ों पर वीर्य भी नहीं मिला है. हालांकि चार्जशीट के अनुसार एफएसएल भेजने से पहले कपड़े धो दिए गए थे.

मामले की जांच कर रही पुलिस की बड़ी चूक यह रही कि उसने आरोपियों के अंडर गारमेंट्स एफएसएल को नहीं भेजे. बच्ची के गुप्तांग में हल्का खून का धब्बा मिला है, जो चोट के कारण भी हो सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक शव मिलने के 36 से 72 घंटे पहले ही बच्ची की मौत हो चुकी थी. जिससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि हत्या कहीं और की गई और शव रसाना में फेंका गया. वहीं बच्ची के बाल देवस्थान बरामद करने का दावा किया गया है. इस पर सवाल उठता है कि क्या 17 जनवरी के बाद देवस्थान की कोई सफाई नहीं हुई. लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि देवस्थान पर लोग रोज सर झुकाने पहुंचते हैं. 

दैनिक जागरण ने यह खबर छापी थी:

यह भी पढ़ें- मुंबईः कांग्रेस की महिला कार्यकर्ता का अपनी ही पार्टी के लोगों पर छेड़छाड़ का आरोप, संजय निरुपम दिया कार्रवाई का भरोसा

रेप, रेप होता है इस पर राजनीति ना करें: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

 

Tags

Advertisement