नई दिल्ली : सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार की सुबह एक संयुक्त बयान दिया, जिसमें उन्होंने 10 अगस्त को जारी अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है और उन्हें ‘निराधार’ और ‘चरित्र हनन’ करने का प्रयास बताया है। माधबी […]
नई दिल्ली : सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार की सुबह एक संयुक्त बयान दिया, जिसमें उन्होंने 10 अगस्त को जारी अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है और उन्हें ‘निराधार’ और ‘चरित्र हनन’ करने का प्रयास बताया है।
हिंडेनबर्ग रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए माधबी ने कहा “हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों का खंडन करते हैं। इनमें कोई सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और फाइनेंस एक खुली किताब है। माधबी और धवल बुच ने एक बयान में कहा, ” पिछले कुछ सालों में सेबी को पहले ही सभी आवश्यक जानकारी दी जा चुकी है।”
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी द्वारा भेजे गए कारण बताओ नोटिस के जवाब में ‘चरित्र हनन का प्रयास’ किया है। इसके साथ उन्होंने कहा कि पारदर्शिता का ध्यान रखते हुए सही समय पर एक विस्तृत बयान जारी किया जाएगा।
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च पहली बार करीब डेढ़ साल पहले तब सुर्खियों में आई थी, जब उसने अडानी ग्रुप पर आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस बार रिपोर्ट जारी करने से पहले हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक अपडेट में कहा था कि जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है। इसके बाद शनिवार देर शाम इसकी रिपोर्ट सामने आई, जिसमें कहा गया है कि सेबी चेयरपर्सन और उनके पति के अडानी ग्रुप से कथित संबंधों के कारण समूह के खिलाफ सेबी की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है।
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