नई दिल्ली: हिंडनबर्ग ने शनिवार को आरोप लगाया कि SEBI की चेयरपर्सन माधबी बुच के अडानी ग्रुप के साथ संबंध है, जिस वजह से अडानी समूह पर हो रही कार्यवाही आगे नहीं बढ़ रही। माधबी बुच ने आज सुबह बयान देते हुए इन आरोपों को खारिज किया है। अडानी समूह ने भी अधिकारिक बयान जारी […]
नई दिल्ली: हिंडनबर्ग ने शनिवार को आरोप लगाया कि SEBI की चेयरपर्सन माधबी बुच के अडानी ग्रुप के साथ संबंध है, जिस वजह से अडानी समूह पर हो रही कार्यवाही आगे नहीं बढ़ रही। माधबी बुच ने आज सुबह बयान देते हुए इन आरोपों को खारिज किया है। अडानी समूह ने भी अधिकारिक बयान जारी कर कंपनी के खिलाफ इन आरोपों को खारिज कर दिया और दोहराया कि इसकी विदेशी होल्डिंग संरचना पूरी तरह से पारदर्शी है।
अडानी समूह ने आधिकारिक नोटिस में कहा गया “हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोप सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचनाओं का गलत प्रयोग, शरारती और जोड़-तोड़ वाली कोशिश है, जो तथ्यों और कानून की अवहेलना करते हुए व्यक्तिगत मुनाफाखोरी के लिए है। हम अडानी समूह के खिलाफ इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हैं, जिनकी गहन जांच की गई है, जो निराधार साबित हुए हैं और जिन्हें जनवरी 2024 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पहले ही खारिज कर दिया गया है।” इसके अलावा, हिंडेनबर्ग को ‘बदनाम शॉर्ट सेलर’ बताते हुए अडानी समूह ने कहा कि ये आरोप ‘भ्रामक बातों से अधिक कुछ नहीं हैं।
Adani Group issues a statement on the latest report from Hindenberg Research.
The latest allegations by Hindenburg are malicious, mischievous and manipulative selections of publicly available information to arrive at pre-determined conclusions for personal profiteering with… pic.twitter.com/WwKbPLTkrv
— ANI (@ANI) August 11, 2024
बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि आरोपों में शामिल अनिल आहूजा ने पहले अडानी कंपनियों में नामित निदेशक और बाद में निदेशक के रूप में काम किया था, लेकिन समूह का वर्तमान में रिपोर्ट में शामिल व्यक्तियों या मामलों के साथ कोई व्यावसायिक संबंध नहीं है।