हिमाचल प्रदेश: शिमला। हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में आज कांग्रेस नेता और नादौन से विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होंगे। मेरा दायित्व है कि जो प्रदेश में पार्टी को आगे लेकर चलती हैं,जो हमारी प्रदेश अध्यक्ष […]
शिमला। हिमाचल प्रदेश के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में आज कांग्रेस नेता और नादौन से विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू शपथ लेंगे। इस शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल होंगे।
मेरा दायित्व है कि जो प्रदेश में पार्टी को आगे लेकर चलती हैं,जो हमारी प्रदेश अध्यक्ष हैं उनके पास जाना और उन्हें शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित करना,यह पहला आमंत्रण है जो हम दे रहे हैं:शपथ ग्रहण समारोह से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को आमंत्रित करते हुए मनोनीत CM सुखविंदर सिंह सुक्खू pic.twitter.com/7oaJnKqQeb
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 11, 2022
इस बीच खबर आ रही थी कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री न बनाए जाने को लेकर नाराज हो गई हैं। जिसके बाद उनको मनाने के लिए सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद घर पहुंचे। बताया जा रहा है कि सुक्खू ने प्रतिभा को शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित भी किया है।
प्रतिभा सिंह से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मेरा दायित्व है कि जो प्रदेश में पार्टी को आगे लेकर चलती हैं,जो हमारी प्रदेश अध्यक्ष हैं उनके पास जाना और उन्हें शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित करना,यह पहला आमंत्रण है जो हम दे रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत से जीत हासिल करने के बाद शनिवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। जिसमें सुखविंदर सिंह सुक्खू को बतौर मुख्यमंत्री और मुकेश अग्निहोत्री को उप मुख्यमंत्री चुना गया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दोनों के नाम के ऐलान किया।
मुख्यमंत्री के नाम के ऐलान होने के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू का शिमला में कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। हिमाचल के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने भी सुक्खू से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी। मनोनीत मुख्यमंत्री के पैतृक स्थान हमीरपुर के नादौन में भी जश्न मनाया गया।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पिछले लगभग चार दशक से हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन की परंपरा रही है। साल 1985 के बाद से राज्य में कोई भी पार्टी अपनी सरकार को रिपीट नहीं कर पाई है। वर्तमान में हिमाचल की सत्ता में काबिज बीजेपी की कोशिश इसी रिवाज को तोड़कर अपना राज कायम रखने की थी लेकिन वो कामयाब नहीं हुई।
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