शिमला। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चनावों में भले ही कांग्रेस को जीत प्राप्त हो गई हो लेकिन इस चुनाव में 15 ऐसी सीटें हैं जहाँ भाजपा और कांग्रेस के बीच जीत का अंतर बेहद ही कम है, यदि थोड़ा भी फेरबदल होता तो कांग्रेस को मिला जीत का यह तोहफा हार में बदल जाता। हम […]
शिमला। हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चनावों में भले ही कांग्रेस को जीत प्राप्त हो गई हो लेकिन इस चुनाव में 15 ऐसी सीटें हैं जहाँ भाजपा और कांग्रेस के बीच जीत का अंतर बेहद ही कम है, यदि थोड़ा भी फेरबदल होता तो कांग्रेस को मिला जीत का यह तोहफा हार में बदल जाता।
हम आपको बता दें कि, हिमाचल मे 15 ऐसी सीटें हैं जहाँ जीत का अतंर लगभग दो हजार वोटों से भी कम का रहा।
हिमाचल प्रदेश में जीत के बाद जहाँ समस्त कांग्रेस में खुशी का माहौल बना हुआ है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस को यह भी आभास हो गया होगा कि, हिमाचल में चलने वाली हवा का रुख अभी पूरी तरह से कांग्रेस के पक्ष में नहीं है। क्योंकि कुछ सीटों पर जीत का अतंर इतना कम रहा कि, महज इस एक इत्तेफाक ही कह सकते हैं कि, उन सीटों पर कांग्रेस की जीत हुई।
हम आपको बता दें कि, भोरंज सीट में कांग्रेस के उम्मीदवार सुरेश कुमार ने मात्र 60 वोटों से जीत दर्ज की, सुजानपुर, दारंग, बिलासपुर, श्री नैनादेवी, रामपुर, शिलाई और श्री रेणुकाजी में दोनों दलों के बीच जीत का अंतर 1000 वोट से भी कम का था।
चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस के सामने बड़ी चनौती अपने घोषणापत्र के शत प्रतिशत वादों को पूरा करने की होगी। यदि उनके वादों को लेकर ज़रा भी ऊंच नीच रहती है तो विपक्षी दल भाजपा इस बात का फायदा उठाते हुए आने वाले चुनावों में फेरबदल करने की कोशिशे अवश्य करेगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद नेताओं कार्यकर्ताओं और मतदाताओं का आभार व्यक्त किया। उन्होने कहा कि, सभी मतदाताओं को धन्यवाद करता हूं कार्यकर्ताओं और नेताओं के प्रयास से ही इस तरह का नतीजा आया है।