नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में प्रचंड जीते के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीती बदल दी है, साथ ही मुख्यमंत्री पद के चेहरे के लिए कांग्रेस के सामने नई चुनौती है कि, आखिर किसे हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाए। आज शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में फाइनल किया जाएगा कि, किस नेता को […]
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में प्रचंड जीते के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीती बदल दी है, साथ ही मुख्यमंत्री पद के चेहरे के लिए कांग्रेस के सामने नई चुनौती है कि, आखिर किसे हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाए। आज शिमला में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में फाइनल किया जाएगा कि, किस नेता को हिमाचल के मुख्यमंत्री के तौर पर सामने किया जाए।
हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के कैंपेन की समस्त जिम्मेदारी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कांधों पर थी, इस जिम्मेदारी को ईमानदारी के साथ निभाते हुए बघेल ने कांग्रेस को जीत दिलवाने में अहम भूमिका निभाई।
वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि हिमचाल में मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला पर्यवेक्षक करेंगे। भूपेश बघेल और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा को हिमाचल प्रदेश का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। बघेल शुक्रवार को शिमला में कांग्रेस की विधायक दल की बैठक में शामिल होंगे
हिमाचल में कांग्रेस को सम्पूर्ण बहुमत मिलने के बाद रणनीति मे बदलाव हुआ है, पहले कहा गया था कि, जीते हुए कांग्रेसी विधायकों को चंडीगढ़ के रास्ते रायपुर लाया जाएगा। वहीं बहुमत मिलने के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए यह तय किया है कि, अब सभी विधायक शिमला में ही रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक खबर मिली है कि, कांग्रेस ने विधायकों को ले जाने की जिम्मेदारी हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सौंपी थी।
हिमाचल में कांग्रेस की जीत को लेकर सीएम भूपेश बघेल का बड़ा योगदान रहा जिसके चलते लगातार उनकी वाहवाही हो रही है। हिमाचल में कैपेन के साथ-साथ पार्टी की रणनीति बनाने में उनका अहम योगदान रहा। इन्ही कारणों के चलते उन्हे हिमाचल का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था।