Hijab Controversy नई दिल्ली, Hijab Controversy कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज हिजाब विवाद पर अपना अंतिम फैसला दे दिया है. इसमें कोर्ट की तीन जजों की बेंच जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हिजाब मुस्लिम धर्म का अहम हिस्सा नहीं है और सभी छात्रों […]
नई दिल्ली, Hijab Controversy कर्नाटक हाईकोर्ट ने आज हिजाब विवाद पर अपना अंतिम फैसला दे दिया है. इसमें कोर्ट की तीन जजों की बेंच जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी ने फैसला सुनाते हुए कहा कि हिजाब मुस्लिम धर्म का अहम हिस्सा नहीं है और सभी छात्रों को शिक्षण संस्थानों में निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करना अनिवार्य होगा। कोर्ट के फैसले के बाद इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है.
1. I disagree with Karnataka High Court's judgement on #hijab. It’s my right to disagree with the judgement & I hope that petitioners appeal before SC
2. I also hope that not only @AIMPLB_Official but also organisations of other religious groups appeal this judgement…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 15, 2022
हाईकोर्ट के इस फैसले पर असदुद्दीन ओवैसी ने असहमति जाहिर की है. इसके साथ ही उन्होंने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत अन्य संगठनों से अपील की है कि वे हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाए। असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर लिखा कि ‘मैं कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से सहमत नहीं हूं. फैसले से असहमत होना मेरा हक है. मुझे उम्मीद है कि याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.’
Source- ट्विटर
वहीं आज कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बाद निराश याचिकाकर्ता छात्राएं और संगठन इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रहे है. जानकारी के मुताबिक याचिकर्ताओं के वकील अभी हाई अध्यन कर रहे है, जसिके बाद वे इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।
वहीँ कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि कोर्ट का यह फैसला निराशाजनक है. एक ओर हम महिलाओं के सशक्तिकरण की बात कर रहे हैं, तो दूसरी ओर हमने उनकी साधारण पसंद के अधिकार को नकार रहे हैं. यह सिर्फ धर्म का मामला नहीं है, बल्कि चुनने की आजादी का भी मामला है.
जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले से मैं निराश हूँ. उन्होने कहा कि आप हिजाब के बारे में कुछ भी सोच सकते हैं, लेकिन यह सिर्फ कपड़ों के बारे में नहीं है. यह महिला के अधिकार के बारे में है, कि वह कैसे कपड़े पहनना चाहती है. कोर्ट ने इस मूल अधिकार को बरकरार नहीं रखा.