तीन तलाक देने पर अब होगी तीन साल की सजा, मुस्लिम महिला पति से ले सकेगी गुजाराभत्ता

तीन तलाक पर अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब ट्रिपल तलाक अपराध की श्रेणी में आ गया है. हालांकि ये अध्यादेश जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होगा. इस खबर में जानिए इस अध्यादेश के जुड़ी कुछ ऐसी ही और अहम बातें...

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तीन तलाक देने पर अब होगी तीन साल की सजा, मुस्लिम महिला पति से ले सकेगी गुजाराभत्ता

Aanchal Pandey

  • September 20, 2018 12:05 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्लीः तीन तलाक पर अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंजूरी दे दी है, जिसके बाद अब यह अपराध की श्रेणी में आ गया है. तीन तलाक देने पर तीन साल तक की सजा का प्रावधान है. वहीं जम्मू-कश्मीर में ये अध्यादेश लागू नहीं होगा.  आपको बता दें कि अध्यादेश में वही कानून होंगे तो प्रस्तावित कानून और लोकसभा में पास हुए बिल में हैं. मुस्लिम महिलाओं के हक और अधिकारों पर काम करने वाले लोगों के लिए इस अध्यादेश को मंजूरी मिलना बड़ी सफलता माना जा रहा है. इस खबर में जानिए तीन तलाक को लेकर सरकार के इस अध्यादेश में आखिर क्या है, जानिए इससे जुड़ी और कुछ अहम बातें

  • तीन तलाक किसी भी तरह से अगर कोई पति अपनी पत्नी को कहता है तो वो ग़ैर कानूनी है. चाहे वो किसी भी तरह से कहे, लिखित में कहे, इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कहे या बोल कर कहे.
  • अगर कोई मुस्लिम पुरूष तीन तलाक देता है तो उसे अधिकतम तीन साल की सजा हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जाएगा.
  • तीन तलाक जिस महिला को दिया गया है वो गुजाराभत्ता खुद और बच्चे के लिए अपने पति से ले सकती है. गुजाराभत्ता कितना होगा ये मजिस्ट्रेट तय करेंगे.
  • तीन तलाक के बाद बच्चा पत्नी के पास ही रहेगा हालांकि बाद में ये मजिस्ट्रेट तय करेंगे कि बच्चा किसके पास रहेगा.
  • तीन तलाक की पीड़ित महिला या उसका कोई संबंधी जिससे उसका खून का रिश्ता हो, पुलिस स्टेशन के इंचार्ज को शिकायत दर्ज करा सकते हैं. 
  • इसमें आपसी रजामंदी से मामले के निपटारे का भी प्रावधान है, लेकिन अगर समझौते की पहल महिला की तरफ से की जाए तो. अगर महिला समझौते की के लिए तैयार है तो मजिस्ट्रेट के सामने सुलह की मांग कर सकती है.
  • तीन तलाक देने वाले पति को तब तक जमानत नही मिलेगी जब तो पीड़ित का पक्ष नहीं सुना जाएगा. पीड़ित का पक्ष सुनने के बाद मजिस्ट्रेट तय करेंगे कि क्या इसमें जमानत दी जा सकती है.
  • ये जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होगा.

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