जानिए किसे मिलती है रिलायंस इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा सैलरी, अंबानी परिवार से है खास रिश्ता

रिलायंस इंडस्ट्रीज, जो भारत की सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली कंपनियों में से एक है, ने हाल ही में अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है।

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जानिए किसे मिलती है रिलायंस इंडस्ट्रीज में सबसे ज्यादा सैलरी, अंबानी परिवार से है खास रिश्ता

Anjali Singh

  • August 8, 2024 9:30 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 months ago

मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज, जो भारत की सबसे बड़ी और सबसे प्रभावशाली कंपनियों में से एक है उन्होंने हाल ही में अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन, उसके मार्केट कैप और इसके प्रमुख कर्मचारियों की सैलरी से जुड़ी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 19.92 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है, और इसके चेयरमैन मुकेश अंबानी की कुल संपत्ति लगभग 113.5 बिलियन डॉलर यानी 9,52,805 करोड़ रुपये के आसपास है।

हालांकि, इस रिपोर्ट में सबसे दिलचस्प बात यह है कि मुकेश अंबानी ने लगातार चौथे साल भी अपनी सैलरी नहीं ली है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रिलायंस इंडस्ट्रीज में किसे सबसे ज्यादा वेतन मिलता है? इसका उत्तर है हितल मेसवानी, जो कंपनी के एक वरिष्ठ निदेशक (डायरेक्टर) हैं और जिनका अंबानी परिवार के साथ गहरा व्यक्तिगत रिश्ता भी है।

Hital R. Meswani | RIL

कौन हैं हितल मेसवानी?

हितल मेसवानी रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक प्रमुख निदेशक हैं और उन्होंने कंपनी के साथ अपने करियर की शुरुआत 1990 में की थी। वह न केवल कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण कर्मचारी हैं, बल्कि उनके परिवार का अंबानी परिवार के साथ गहरा और पुराना नाता भी है। उनके पिता, रसिकलाल मेसवानी, रिलायंस के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की बड़ी बहन के बेटे थे। इस प्रकार, मेसवानी परिवार का अंबानी परिवार से न केवल व्यावसायिक, बल्कि पारिवारिक रिश्ता भी है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, हितल मेसवानी को 2023-24 के वित्त वर्ष में 25.42 करोड़ रुपये की सैलरी मिली है। इस सैलरी में वेतन के अलावा, उन्हें मिलने वाले भत्ते, रिटायरमेंट बेनिफिट्स, और अन्य लाभ भी शामिल हैं। यह सैलरी कंपनी के अन्य कर्मचारियों के मुकाबले सबसे अधिक है। उनके भाई, निखिल मेसवानी भी रिलायंस इंडस्ट्रीज में एक महत्वपूर्ण पद पर कार्यरत हैं और वह भी उच्चतम सैलरी पाने वाले कर्मचारियों में शामिल हैं।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सफलता में मेसवानी परिवार की भूमिका

मेसवानी परिवार का रिलायंस इंडस्ट्रीज की सफलता में अहम योगदान रहा है। 1995 में हितल मेसवानी रिलायंस के बोर्ड से जुड़े और तब से उन्होंने कंपनी के विभिन्न महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स का नेतृत्व किया है। उनके नेतृत्व में रिलायंस ने जामनगर रिफाइनरी की स्थापना की, जो अब विश्व की सबसे बड़ी रिफाइनरी है। इसके अलावा, उन्होंने रिलायंस पेट्रोलियम, रिलायंस कमर्शियल डीलर्स जैसी कई महत्वपूर्ण वेंचर्स के साथ भी काम किया है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, हितल मेसवानी ने व्हार्टन बिजनेस स्कूल से इकोनॉमिक्स में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा, उन्होंने स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड एप्लाइड साइंसेज से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की है। वह अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया से मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी में भी ग्रेजुएट हैं। उनके शिक्षा और अनुभव ने उन्हें रिलायंस इंडस्ट्रीज में एक प्रभावशाली नेता बनने में मदद की है।

मुकेश अंबानी ने क्यों छोड़ी सैलरी?

मुकेश अंबानी, जो एशिया के सबसे धनवान व्यक्तियों में से एक हैं, ने पिछले चार सालों से अपनी सैलरी नहीं ली है। यह कदम उन्होंने 2020 में कोरोना महामारी के दौरान उठाया था। उस समय, जब पूरी दुनिया आर्थिक संकट का सामना कर रही थी, मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज से सैलरी, अलाउंस, अनुलाभ और रिटायरमेंट बेनिफिट्स सहित सभी प्रकार के पारिश्रमिक को छोड़ने का फैसला किया। यह कदम उन्होंने कंपनी और देश की जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए उठाया था।

अंबानी का यह निर्णय न केवल उनकी व्यक्तिगत सादगी और सामाजिक जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वह अपनी कंपनी को किस तरह से संचालित करते हैं। उनकी यह सोच कंपनी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के लिए एक मिसाल है, जिन्होंने भी महामारी के दौरान अपने वेतन में कटौती की थी।

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सफलता के पीछे उसके कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और नेतृत्व की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। हितल मेसवानी, जिनका अंबानी परिवार से व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों ही प्रकार का गहरा नाता है, इस सफलता के एक प्रमुख हिस्सेदार हैं। उनके नेतृत्व और योगदान ने रिलायंस इंडस्ट्रीज को आज जिस मुकाम पर पहुंचाया है, वह निस्संदेह सराहनीय है। वहीं, मुकेश अंबानी द्वारा सैलरी न लेने का फैसला एक उदाहरण है कि कैसे एक नेता अपनी कंपनी और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभा सकता है।

 

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