नई दिल्लीः अपने सैलरी के लिए भटकने वाले सरकारी कर्मचारियों को आपने बहुत देखा होगा, मगर अब नया मामला पटना हाईकोर्ट के एक जज (High Court Judge) का है। जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि प्रमोशन के बाद से उन्हें सैलरी नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट भी शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट […]
नई दिल्लीः अपने सैलरी के लिए भटकने वाले सरकारी कर्मचारियों को आपने बहुत देखा होगा, मगर अब नया मामला पटना हाईकोर्ट के एक जज (High Court Judge) का है। जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया कि प्रमोशन के बाद से उन्हें सैलरी नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट भी शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट के मौजूदा जज, जस्टिस रुद्र प्रकाश मिश्रा की ओर से दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है। इसमें सामान्य भविष्य निधि खाता खोलने और अपना वेतन जारी करने की मांग रखी गई है।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की तीन जजों की पीठ ने केंद्र सरकार और बिहार की राज्य सरकार को इस मामले में नोटिस जारी किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले में पटना उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल से भी जवाब मांगा है। पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश रुद्र प्रकाश मिश्रा की ओर से पेश हुए वकील प्रेम प्रकाश ने अंतरिम राहत के लिए उच्चतम न्यायालय पर जोर डाला। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया है लेकिन कहा कि वह मामले की सुनवाई करेगा। मामले की अगली सुनवाई के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की गई है।
जज (High Court Judge) द्वारा दाखिल याचिका में यह कहा गया था कि जीपीएफ लाभ से वंचित होने के कारण उन्हें प्रमोशन के बाद से वेतन नहीं मिला है. आगे उन्होंने कहा है कि इसकी वजह से अत्यधिक मानसिक और वित्तीय अस्थिरता पैदा हुई है। जस्टिस मिश्रा ने अपनी याचिका में उनको वेतन और जीपीएफ अकाउंट तत्काल दिए जाने का आदेश देने का आग्रह किया।
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