नई दिल्ली: अभी तिरूपति के बालाजी मंदिर में प्रसाद की शुद्धता को लेकर हंगामा थमा भी नहीं था कि सिद्धिविनायक मंदिर में प्रसाद की शुद्धता को लेकर सवाल उठने लगे हैं. सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद पैकेट पर चूहे के बच्चे पाए गए हैं. इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि प्रसाद तैयार कर साफ-सुथरी जगह […]
नई दिल्ली: अभी तिरूपति के बालाजी मंदिर में प्रसाद की शुद्धता को लेकर हंगामा थमा भी नहीं था कि सिद्धिविनायक मंदिर में प्रसाद की शुद्धता को लेकर सवाल उठने लगे हैं. सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद पैकेट पर चूहे के बच्चे पाए गए हैं. इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि प्रसाद तैयार कर साफ-सुथरी जगह पर नहीं रखा जा रहा है. इस मामले में मंदिर ट्रस्ट ने जांच शुरू कर दी है.
तिरूपति मंदिर के लड्डुओं में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी की मौजूदगी और मछली के तेल के इस्तेमाल को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है. देशभर के मंदिरों में प्रसाद की जांच चल रही है या जांच की मांग की जा रही है. तिरूपति मामले में केंद्र सरकार ने भी दखल दिया है. आंध्र प्रदेश सरकार ने मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है. खबरों के मुताबिक सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट इस मामले पर मंगलवार को बैठक हो सकती है. वायरल वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि प्रसाद के पैकेट को चूहों के साथ-साथ चूहों ने भी खा लिया है. लड्डू को चूहों ने भी कुतर दिया है.
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट की ओर से श्रद्धालुओं को बांटे जाने वाले ‘महाप्रसाद लड्डू’ के पैकेट में चूहे के बच्चे मिले हैं। pic.twitter.com/igP621RAu6
— Hello (@hello73853) September 24, 2024
बता दें कि 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि पिछली जगनमोहन रेड्डी सरकार के दौरान तिरुपति में प्रसाद में जानवरों की चर्बी, मछली का तेल का इस्तेमाल किया जा रहा था. इसके जवाब में वाईएसआर ने कहा था कि चंद्रबाबू नायडू राजनीतिक फायदे के लिए करोड़ों हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाकर पाप कर रहे हैं. तिरूपति के लड्डू प्रसाद को श्रीवारी लड्डू के नाम से भी जाना जाता है. यह प्रसाद पिछले तीन सौ वर्षों से तिरूपति मंदिर में भक्तों को वितरित किया जा रहा है.
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