नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया, जिस पर करीब आठ घंटे तक चर्चा होगी और देर रात तक इस पर निर्णय लिया जा सकता है। अल्पसंख्यक मामलों और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित करना चाहती है।
सरकार ने 8 अगस्त 2024 को इस विधेयक की घोषणा की थी, साथ ही मुस्लिम वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी प्रस्तुत किया गया था। इन विधेयकों का उद्देश्य वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली को व्यवस्थित करना और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में सुधार लाना है। संशोधन के तहत वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर इसकी परिभाषा को अद्यतन करना, पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाना और आधुनिक तकनीक के उपयोग से बेहतर रिकॉर्ड-कीपिंग सुनिश्चित करना है।
भारत में वक्फ संपत्तियों का विशाल दायरा
भारत में वक्फ बोर्ड के पास 9.4 लाख एकड़ भूमि में फैली 8.7 लाख संपत्तियाँ हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 1.2 लाख करोड़ रुपये है। यह दुनिया की सबसे बड़ी वक्फ होल्डिंग में से एक है। भारतीय रेलवे और सशस्त्र बलों के बाद, वक्फ बोर्ड देश का तीसरा सबसे बड़ा भू-स्वामी है। 8.7 लाख संपत्तियों में से 3,56,051 वक्फ एस्टेट के रूप में पंजीकृत हैं, जिनमें 8,72,328 अचल संपत्तियां और 16,713 चल संपत्तियां शामिल हैं। हालांकि, इतनी बड़ी संपत्तियों के बावजूद, बोर्ड से कोई पर्याप्त आय प्राप्त नहीं होती।
संपत्तियों से 12,000 करोड़ रुपये की संभावित वार्षिक आय
2006 में सच्चर समिति की रिपोर्ट में बताया गया कि यदि इन संपत्तियों का उचित उपयोग किया जाए, तो इससे कम से कम 10% राजस्व प्राप्त हो सकता है, जो सालाना लगभग 12,000 करोड़ रुपये होगा। समिति ने वक्फ बोर्ड के प्रबंधन में सुधार के लिए कई सुझाव दिए, जैसे केंद्रीय और राज्य वक्फ बोर्डों में महिला सदस्यों को शामिल करना, संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति और वित्तीय लेखा परीक्षा की योजना लागू करना।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक वक्फ संपत्तियां
भारत में वक्फ बोर्ड की सबसे अधिक संपत्तियां उत्तर प्रदेश में हैं, जो कुल वक्फ संपत्तियों का 27% हैं। यहां 2,32,547 अचल संपत्तियां हैं। इसके बाद पंजाब और पश्चिम बंगाल (9%), तमिलनाडु (8%), कर्नाटक (7%), केरल, तेलंगाना और गुजरात (5%) का स्थान है।
वक्फ की परिभाषा और इसकी चुनौतियां
इस्लाम में वक्फ का अर्थ किसी संपत्ति को जनकल्याण के लिए समर्पित करने से है। यह संपत्ति चल या अचल हो सकती है, और इसका उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के लिए किया जाता है। हालांकि, कई देशों जैसे तुर्की, लीबिया, जॉर्डन, ट्यूनीशिया और मिस्र में वक्फ प्रणाली नहीं है, लेकिन भारत में यह कानूनी रूप से संरक्षित है। सितंबर 2024 तक, अल्पसंख्यक मंत्रालय के अनुसार, वक्फ ट्रिब्यूनल में 40,951 मामले लंबित थे, जिनमें से 9,942 मामले मुस्लिम समुदाय के सदस्यों द्वारा वक्फ प्रबंधन संस्थाओं के खिलाफ दायर किए गए थे। मामलों के निपटारे में देरी और न्यायिक निगरानी की कमी प्रमुख चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
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