नेपाल में भारी बारिश से तबाही, बाढ़ में 112 की मौत, सैकड़ों लापता

नई दिल्ली: नेपाल में लगातार हो रही भारी बारिश ने कई इलाकों में तबाही मचा दी है। बाढ़ और बारिश की वजह से अब तक 112 लोगों की जान जा चुकी है। सैकड़ों लोग लापता हैं और राहत टीमों द्वारा उनकी तलाश की जा रही है। बाढ़ के चलते नेपाल के कई हिस्से जलमग्न हो गए हैं, और आपदा अधिकारी लगातार चेतावनी जारी कर रहे हैं।

हजारों लोग सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाए गए

नेपाल की पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल (APF) ने जानकारी दी है कि 3000 से ज्यादा लोगों को अब तक बचाया जा चुका है। बारिश की वजह से कई राजमार्ग बंद हो गए हैं, और सैकड़ों घरों को नुकसान पहुंचा है। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए बड़े पैमाने पर राहत कार्य चलाए जा रहे हैं, और शैक्षणिक संस्थानों को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।

लापता लोगों की तलाश जारी

कई लोग बाढ़ के पानी में लापता हो गए हैं और उनकी तलाश के लिए पुलिस और आपदा राहत बल जुटे हुए हैं। सैकड़ों मकान पानी में डूब गए हैं और कई वाहन भी बाढ़ में बह गए हैं। लगातार हो रही बारिश से स्थिति और गंभीर होती जा रही है।

40-45 सालों में नहीं देखी इतनीNepal 

काठमांडू घाटी में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने पिछले 40-45 साल में ऐसी विनाशकारी बाढ़ नहीं देखी। जलवायु और पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से नेपाल में बारिश का पैटर्न बदल रहा है। काठमांडू की बागमती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, और वैज्ञानिकों ने इसे जलवायु परिवर्तन का परिणाम बताया है।

जलवायु परिवर्तन से बारिश का पैटर्न बदल रहा है

विशेषज्ञों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की प्रणाली और मानसून की अनियमितता के कारण नेपाल में इतनी तेज़ बारिश हो रही है। आईसीआईएमओडी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे एशिया में जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश की मात्रा और समय में बदलाव हो रहा है, जिससे इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बढ़ गया है। नेपाल में हो रही इस भारी बारिश ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है, और लोग लगातार डर और अनिश्चितता के बीच जी रहे हैं।

 

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