गोडसे का आखिरी शब्द सुनकर हिंदुओं का फ़ट जाएगा कलेजा, फांसी के बाद भी तड़प रहा था गांधी का हत्यारा

नई दिल्ली। 15 नवंबर के दिन को भारतीय जरूर याद करते हैं। इसी दिन गांधी की हत्या करने वाले नाथू राम गोडसे को फांसी पर चढ़ाया गया था। गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को बापू को गोली मारी थी। इसके बाद शिमला के ईस्ट पंजाब हाई कोर्ट में यह केस चला और 8 नवंबर 1949 […]

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गोडसे का आखिरी शब्द सुनकर हिंदुओं का फ़ट जाएगा कलेजा, फांसी के बाद भी तड़प रहा था गांधी का हत्यारा

Pooja Thakur

  • November 15, 2024 9:14 am Asia/KolkataIST, Updated 2 hours ago

नई दिल्ली। 15 नवंबर के दिन को भारतीय जरूर याद करते हैं। इसी दिन गांधी की हत्या करने वाले नाथू राम गोडसे को फांसी पर चढ़ाया गया था। गोडसे ने 30 जनवरी 1948 को बापू को गोली मारी थी। इसके बाद शिमला के ईस्ट पंजाब हाई कोर्ट में यह केस चला और 8 नवंबर 1949 को उसे फांसी की सजा सुनाई गई।

अधूरा सपना लेकर फांसी पर झूला गोडसे

7 दिन बाद नाथूराम गोडसे को फांसी पर लटकाना तय किया गया। देश में लोग भड़के हुए थे। नाथूराम को अंबाला की सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। 15 नवंबर 1949 की सुबह थी, जब अंबाला सेंट्रल जेल परिसर में नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी के फंदे पर चढ़ाया गया। नाथू राम ने बापू को 3 गोली मारी थी जबकि आप्टे ने एक।

तड़प कर मरा गोडसे

जेलकर्मी जब सुबह-सुबह नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की तख़्त पर चढ़ाने के लिए ले जाने लगे तो गोडसे ने कांपती हुई आवाज में कहा अखंड भारत और उनके साथ मौजूद आप्टे ने वाक्य पूरा करते हुए कहा अमर रहे। अखंड भारत अमर रहे के नारों के साथ गोडसे फांसी के तख़्त पर चढ़ गए। कहा जाता है कि आप्टे की मौत तुरंत हो गई थी लेकिन गोडसे फांसी के समय कुछ देर तक तड़पते रहे और तब जाकर दम तोड़ा।

 

 

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