नई दिल्ली। दिल्ली दंगा मामले के आरोपित शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है। दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने कहा कि चूंकि इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने की है इसलिए इसे बुधवार को उसी पीठ के समक्ष सुनवाई के […]
नई दिल्ली। दिल्ली दंगा मामले के आरोपित शरजील इमाम की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई है। दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने कहा कि चूंकि इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली विशेष पीठ ने की है इसलिए इसे बुधवार को उसी पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए। इमाम ने जमानत खारिज करने के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है।
यूएपीए मामले में गिरफ्तार
इससे पहले दिल्ली दंगों के मामले में साजिश से जुड़े यूएपीए मामले में गिरफ्तार आरोपी उमर खालिद ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में अपनी जमानत याचिका पर दलील दी, कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन से आतंकवाद या देश की संप्रभुता को कोई खतरा नहीं है। खालिद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता त्रिदीप पेश ने कहा कि पुलिस द्वारा उसके खिलाफ रिपोर्ट किए गए कृत्य या घटनाएं आतंक के रूप में योग्य नहीं हैं। प्रदर्शनकारी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत हिंसा जारी नहीं रख रहे थे।
खालिद की याचिका पर कोर्ट ने की ये टिप्पणी
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की खंडपीठ ने खालिद के वकील की याचिका पर मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मिसाल के तौर पर आतंकवाद एक ऐसा कृत्य है जो समाज की गति को भंग करने, समाज के एक वर्ग के मन में भय की भावना पैदा करने के लिए किया जाता है और क्या इसमें किसी तरह का भय पैदा किया गया है, दंगों के बाद किसी में?
इसके जवाब में त्रिदीप पेस ने कहा कि दंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित समुदाय में डर की भावना थी। उन्होंने कहा कि केवल कानून-व्यवस्था में गड़बड़ी पैदा करके ही आतंकवादी कृत्य नहीं किया जाता है।
शरजील इमाम के साथ खालिद के संबंधों पर पेस ने तर्क दिया कि दोनों अलग-अलग विचारधाराओं का पालन करते हैं और किसी भी तरह से संबंधित नहीं हैं। उक्त तर्क को सुनने के बाद पीठ ने मामले को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के पूर्व छात्र उमर खालिद 24 मार्च सितंबर-2020 से जेल में बंद है मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट को जमानत देने से इनकार कर दिया। इस फैसले को उमर खालिद ने चुनौती दी है। खालिद को फरवरी-2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में 13 सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है।
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