देश-प्रदेश

राज्यों में डिप्टी CM की नियुक्ति को लेकर SC में सुनवाई, कोर्ट ने कहा- ये असंवैधानिक नहीं

नई दिल्ली: राज्यों में डिप्टी CM की नियुक्ति के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि उप मुख्यमंत्री की नियुक्ति संविधान के खिलाफ नहीं है. यह सिर्फ एक ओहदा भर है, जो वरिष्ठ नेताओं को दिया जाता है. अदालत ने कहा कि इस पद पर नियुक्त व्यक्ति को कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलता है.

कोर्ट ने खारिज की याचिका

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस, न्यायाधीश जेबी पारदीवाला और न्यायाधीश मनोज मिश्रा की पीठ आज उप मुख्यमंत्री की नियुक्ति को लेकर दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी. इस दौरान तीन जजों की पीठ ने कहा कि सरकार में शामिल पार्टियों के गठबंधन या अन्य वरिष्ठ नेताओं को ज्यादा महत्व देने के लिए उपमुख्यमंत्री का पद दिया जाता है. कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि डिप्टी सीएम की नियुक्ति को किसी भी तरह से असंवैधानिक नहीं बताया जा सकता है.

याचिका में क्या कहा गया था?

बता दें कि पब्लिक पॉलिटिकल पार्टी नाम के एक संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका लगाई थी. याचिका में कहा गया था कि संविधान में उप मुख्यमंत्री जैसा कोई पद नहीं है और यह संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) का उल्लंघन करता है. इसके साथ ही ऐसी नियुक्ति एक गलत उदाहरण पेश करती है. याचिका में यह भी दावा किया गया था कि उपमुख्यमंत्री को मुख्यमंत्री की सहायता करने के लिए नियुक्त किया जाता है. वह मुख्यमंत्री के बराबर होता है और उसे सीएम की तरह ही वेतन और सुविधाएं मिलती हैं.

देश में हैं अभी 26 उप मुख्यमंत्री

गौरतलब है कि देश के 14 राज्यों में अभी 26 उपमुख्यमंत्री हैं. आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी की सरकार में सबसे ज्यादा 5 उप मुख्यमंत्री हैं. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र, मेघालय और नागालैंड में 2-2 डिप्टी सीएम हैं. इसके अलावा कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश में एक उप मुख्यमंत्री हैं. याचिकाकर्ता ने कहा था कि डिप्टी सीएम की नियुक्ति से जनता का कोई लेना-देना नहीं होता है. इससे जनता को कोई अतिरिक्त फायदा भी नहीं मिलता है.

यह भी पढ़ें-

Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा सवाल, संपन्न पिछड़ी जातियों को आरक्षण से बाहर क्यों नहीं किया जा सकता?

Vaibhav Mishra

असिस्टेंट प्रोड्यूसर- इनखबर | राजनीति और विदेश के मामलों पर लिखने/बोलने का काम | IIMT कॉलेज- नोएडा से पत्रकारिता की पढ़ाई | जन्मभूमि- अयोध्या, कर्मभूमि- दिल्ली

Recent Posts

Airtel का Zee5 के साथ हुआ पार्टनरशिप, यूजर्स ले सकेंगे ओरिजनल कंटेंट का मजा

भारती एयरटेल ने अपने यूजर्स के अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए Zee5 के…

6 hours ago

अभिषेक शर्मा को मिली पंजाब की कप्तानी, अर्शदीप सिंह टीम से हुए बाहर

अभिषेक शर्मा को IPL 2025 से पहले पंजाब की कप्तानी सौंप दी गई है। वे…

6 hours ago

विजय सेतुपति की फिल्म महाराजा ने चीन में मचाई धूम, बाहुबली 2 को पछाड़ा

विजय सेतुपति की फिल्म 'महाराजा' जब से चीन में रिलीज हुई है। यह फिल्म सिनेमाघरों…

6 hours ago

फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, बांग्लादेशियों के भारतीय बनाने वाले बाप-बेटे गिरफ्तार

यह गिरोह एक फर्जी पासपोर्ट बनवाने के लिए बांग्लादेशियों से 2-5 लाख रुपये तक लेता…

6 hours ago

सोच-समझकर बोलें यूनुस, नहीं तो.. भारत ने बांग्लादेश को दो-टूक समझाया!

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार को लेकर भारत में लोग भड़के…

6 hours ago