नई दिल्ली, देश में कोरोना मामलों की स्थिति पर मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने भाजपा दिल्ली के हेडक्वार्टर में प्रेस कांफ्रेंस की है. स्वास्थ्य मंत्री ने इस दौरान कोरोना काल में मामलों के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी, साथ ही, उन्होंने भारत सरकार के कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के बारे में भी […]
नई दिल्ली, देश में कोरोना मामलों की स्थिति पर मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने भाजपा दिल्ली के हेडक्वार्टर में प्रेस कांफ्रेंस की है. स्वास्थ्य मंत्री ने इस दौरान कोरोना काल में मामलों के प्रबंधन के बारे में जानकारी दी, साथ ही, उन्होंने भारत सरकार के कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के बारे में भी जानकारी दी.
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि अगर आज भारत की खुद की वेक्सीन नही बनी होती तो देश की क्या दशा होती, ये सभी सोच सकते हैं. समय रहते देश में वैज्ञानिकों पर भरोसा जताया गया और उनको फंड दिया गया, सुविधाएं दी नियमो में संशोधन किया, रिसर्च करने वालो को प्रोत्साहित किया. लोगों को जागरूक किया, लोगों को जागरूक करने के लिए खुद प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले वैक्सीन लगवाई. देश में सभी को वैक्सीन लगे इसलिए फेज वाइज वेक्सीन मुहैया कराई गई.
स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा कि वैक्सीन लगाने के लिए मेन्युफेक्चरिंग यूनिट से लेकर उसका ट्रांसपोर्टेशन उसकी उपलब्धता सुनिश्चित कर, वैक्सीन का 3 दिन का स्टॉक बरकरार रख सरकार ने रेगिस्तान से लेकर पहाड़ों तक सभी जगह वैक्सीनेशन अभियान के तहत लोगों को वैक्सीन लगाई. कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य को कभी व्यापार नही बनने दिया, देश मे एक समय ऐसा भी आया था जब वैक्सीन को मोदी वैक्सीन कहा गया था.
स्वस्थ्य मंत्री ने आगे आगे वैक्सीनेशन अभियान का ब्यौरा देते हुए कहा कि पीएम मोदी भी अपनी बारी पर ही वैक्सीन लगवाने गए थे, टीकाकरण अभियान के दौरान 10 लाख से ज्यादा हमारे हेल्थकेयर वर्कर सिर्फ वैक्सीन लगाने के काम में लगाए गए. उन्होंने बताया कि दुनिया में 18 साल से अधिक के 97% लोगों को पहली डोज लगाने वाला भारत पहला देश है, जबकि 85% लोगों को कोरोना की दूसरी डोज भी लग चुकी है.