नई दिल्ली: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद धमकियों का दौर लगातार जारी है। आए दिन बॉलीवुड हस्तियों से लेकर बड़े-बड़े संस्थानों या उनसे जुड़े लोगों को धमकी भरे पत्र मिल रहे हैं। इस बीच ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश देने वाले दीवानी जज रवि कुमार दिवाकर को मंगलवार को एक धमकी […]
नई दिल्ली: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद धमकियों का दौर लगातार जारी है। आए दिन बॉलीवुड हस्तियों से लेकर बड़े-बड़े संस्थानों या उनसे जुड़े लोगों को धमकी भरे पत्र मिल रहे हैं। इस बीच ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश देने वाले दीवानी जज रवि कुमार दिवाकर को मंगलवार को एक धमकी भरा पत्र मिला है। वाराणसी पुलिस आयुक्त ने बताया कि जज को धमकी भरा पत्र मिलने के बाद उनकी सुरक्षा में 9 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और इस मामले की जांच की जा रही है। वाराणसी के दीवानी जज( सीनियर डिवीजन) दिवाकर ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव पुलिस महानिदेशक और पुलिस आयुक्त वाराणसी को पत्र लिखकर धमकी मिलने की जानकारी दी है। अधिकारियों को लिखे पत्र में जज ने बताया कि उन्हें ये पत्र ‘इस्लामिक आगाज मूवमेंट’ की ओर से काशिफ अहमद सिद्धकी ने भेजा है।
इस मामले में वाराणसी के पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने बताया कि जज दिवाकर को धमकी भरा पत्र रजिस्टर्ड डाक द्वारा मिला है जिसमें कुछ और कागज सलंग्न है। इसकी जानकारी खुद जज की ओर से दी गई है। पुलिस आयुक्त ने कहा कि वाराणसी के पुलिस उपायुक्त वरुणा को इस मामले की जांच सौंपी गई है जज की सुरक्षा में कुल 9 पुलिसकर्मी लगाए गए हैं और समय-समय पर उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जा रही है।
जज को भेजा गया पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है पत्र में लिखा गया है-
“अब जज की भगवा रंग में सराबोर हो चुके हैं. फैसला उग्रवादी हिंदुओं और उनके तमाम संगठनों को प्रसन्न करने के लिए सुनाते हैं। इसके बाद ठीकरा विभाजित भारत के मुसलमानों पर फोड़ते हैं। पत्र में आगे लिखा है कि आप न्यायिक कार्य कर रहे हैं, आपको सरकारी मशीनरी का संरक्षण प्राप्त है, फिर आपकी पत्नी और माता श्री को डर कैसा है? आजकल न्यायिक अधिकारी हवा का रुख देखकर चालबाजी दिखा रहे हैं। आपने व्यक्तव्य दिया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का निरीक्षण एक सामान्य प्रक्रिया है। आप भी तो बुतपरस्त है। आप मस्जिद को मंदिर घोषित कर देंगे”
मस्जिद के सर्वे का दिया था आदेश
जज दिवाकर ही अदालत ने 26 अप्रैल को ज्ञानवापी की वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने के आदेश दिए थे। इस सर्वे की रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई। सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था जिसे मुस्लिम पक्ष ने खारिज करते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नही बल्कि फव्वारा है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की एक याचिका के मामले को जिला जज की अदालत में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में अर्जी दायर कर कहा था कि यह मामला उपासना स्थल कानूनों के प्रावधानों के खिलाफ है लिहाजा सुनवाई किए जाने योग्य नहीं नहीं है।
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