नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये क्या चल रहा है. एक मामलें में आजम खान को जमानत मिली, तो नया केस दर्ज हो गया. कोर्ट ने कहा कि एक के बाद 89 […]
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम टिप्पणी की. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये क्या चल रहा है. एक मामलें में आजम खान को जमानत मिली, तो नया केस दर्ज हो गया. कोर्ट ने कहा कि एक के बाद 89 केस दर्ज किये गए है. वहीँ कोर्ट में यूपी सरकार कि ओर से पेश वकील ने दलील दी कि यह एक गलत धारणा है. इसपर हम एक हलफनामा दाखिल करेंगे. कोर्ट ने यूपी सरकार को इसकी इज़ाज़त देते हुए सुनवाई 17 मई के लिए स्थगित कर दी.
वहीँ इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 6 मई को सपा नेता की जमानत याचिका पर सुनवाई में देरी पर नाराजगी जताते हुए इसे ‘न्याय के साथ मजाक’ बताया था. कोर्ट में जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बी. आर. गवई की बेंच ने कहा कि आजम खान को 87 में से 86 मामलों में जमानत मिल गई गई है. आज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आजम खान को एक मामले में जमानत मिली तो नया केस दर्ज हो गया, ऐसा क्यों चल रहा है. एक के बाद एक 89 केस दर्ज किए गए हैं.
दूसरी तरफ, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शत्रु संपत्ति हड़पने के मामले में आजम खान को मंगलवार को अंतरिम जमानत दे दी थी. बता दें समाजवादी पार्टी के नेता ने यह जमीन मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए हड़पी थी. हाईकोर्ट ने रामपुर के जिलाधिकारी को 30 जून, 2022 तक जौहर विश्वविद्यालय के परिसर में स्थित शत्रु संपत्ति का कब्जा लेने और एक चहारदीवारी खड़ी करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जमीन का कब्जा लेने की कवायद जिलाधिकारी रामपुर की संतुष्टि के मुताबिक पूरा होने पर आजम खान की अंतरिम जमानत, नियमित जमानत में तब्दील हो जाएगी. बता दें समाजवादी पार्टी के नेता ने जिस 13.842 हेक्टेयर की जमीन पर कब्ज़ा किया था, वो जमीन इमामुद्दीन कुरैशी नाम के शख्स की थी, जो देश के बंटवारे के बाद पाकिस्तान चला गया और उसने भारत की नागरिकता छोड़कर पाकिस्तान की नागरिकता ले ली थी.