नई दिल्ली। जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके बाद उन्होंने अपने कार्यकाल के पहले केस की सुनवाई की। सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यमों और ऋण वसूली न्यायाधिकरण से संबंधित एक मामले की उन्होंने सुनवाई की।
इस केस की पैरवी वरिष्ठ वकील मैथ्यूज नेदुम्पारा कर रहे थे। उन्होंने चीफ जस्टिस के सामने यह तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट आम वकीलों के लिए भी होना चाहिए न कि यहां पर सिर्फ अंबानी और अडानी के मामलों का फैसला विशेष तरीके से होगा। उनकी बातें सुनकर चीफ जस्टिस बोले, आपका मामला तो जस्टिस बेला त्रिवेदी के फैसले से जुड़ा हुआ है। तभी नेदुम्पारा ने CJI को बीच में टोकते हुए कहा कि लेकिन गरीब MSME को इस तरह से अलग किया जा सकता है। देश में करोड़ों MSME हैं, यहां सिर्फ अंबानी-अडानी के मामलों की सुनवाई हो रही है।
नेदुम्पारा की इन दलीलों को सुनकर CJI खन्ना भड़क गए और फटकार लगाते हुए कहा कि हम यहां पर आपका लेक्चर सुनने नहीं आये हैं। परेशानी है तो कृपया डीआरटी में जाइये। आपको बता दें कि मैथ्यूज नेदुम्पारा इससे पहले NEET-UG मामले की सुनवाई के वक़्त तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से उलझ गए थे। चंद्रचूड़ ने उन्हें अदालत से हटाने के लिए मार्शल को बुलाने का आदेश दिया था।
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