नई दिल्ली। पड़ोसी देश बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक अस्थिरता नहीं खत्म हो रही। भले ही शेख हसीना के भागने के बाद वहां पर मोहम्मद यूनुस की अगुआई में अंतरिम सरकार बन गई है लेकिन कई मुश्किलें भी हैं। दरअसल बांग्लादेश में नई सरकार के एक फैसले के खिलाफ सेना में गुटों में बंट गई हैं। यूनुस सरकार सेना के 8 बड़े अफसरों को गिरफ्तार कर जेल में डालना चाहती है, जिसे लेकर सेना के ही कुछ अधिकारी नाराज हो गए हैं।
शेख हसीना के विरोधी चाहते हैं कि उसके करीबी अधिकारियों को कालकोठरी में डाल दिया जाये। इन्हें सीक्रेट जेल में रखा जाये, जिसकी देख रेख केंद्र के जिम्मे हो। ऐसे में उनकी गिरफ़्तारी का दबाव बनाया जा रहा है। इस कार्रवाई के डर से कई अधिकारी तो गायब भी हो चुके हैं। जो बचे हुए हैं उनकी बर्बरता की कहानी सुनकर वर्तमान सरकार दबाव में आ गई है। उनके ऊपर इनकी गिरफ़्तारी का दबाव बनाया जा रहा है लेकिन रास्ता कठिन है। सेना की नाराजगी यूनुस सरकार पर भारी पड़ सकती है।
हसीना की सीक्रेट जेल ‘आईना घर’ की कहानी सामने आने से चीजे बिगड़ चुकी है। हसीना ने बांग्लादेश के 8 बड़े अधिकारियों को इसकी जिम्मेदारी सौंप रखी थी। एक मेजर जनरल और एक बिग्रेडियर जनरल भी इसमें शामिल थे। हसीना के जाने के बाद सेना का कहना है कि इसमें आर्मी की कोई गलती नहीं है। आर्मी के अधिकारियों ने जो किया वो सरकार के कहने पर किया। ऐसे में नई सरकार को उन्हें सजा देने अधिकार नहीं है। इस लिहाज से किसी भी सैन्य अधिकारी को अगर गिरफ्तार किया जाता है तो यह अनुचित होगा।
‘आईना घर’ नामक सीक्रेट जेल राजधानी ढाका के मीरपुर में है। यहां पर आर्मी की इंटेलिजेंस विंग देखरेख करती थी। इसमें 600 कैदी थे लेकिन शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद जब उन्हें सब रिहा करने पहुंचा तो सिर्फ 100 लोग थे। बाकी बचे हुए 500 लोग कहां गए हैं, उसके बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। पीड़ित आईना घर को नर्क के सामान बताते हैं। जेल की दीवार 20 फीट ऊंची है। यहां पर सूरज की भी रौशनी नहीं आती। बताया जाता है कि पिलास से कैदियों के नाख़ून उखाड़ लिए जाते हैं. उन्हें उल्टा लटकाकर बेरहमी से मारा जाता है। खाना-पानी भी सही से मुहैया नहीं कराई जाती है। तख्ता पलट के बाद इस जेल का इंचार्ज मेजर जनरल जिया उल अहसान देश छोड़कर भागने की फिराक में था लेकिन वह एयरपोर्ट पर पकड़ा गया।
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