श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं. सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इस बीच धारा-370 चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. नेशनल कांन्फ्रेंस से लेकर पीडीपी तक, सभी विपक्षी दल धारा-370 की वापसी की बात कर रहे हैं. इस बीच कांग्रेस पार्टी […]
श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं. सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इस बीच धारा-370 चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. नेशनल कांन्फ्रेंस से लेकर पीडीपी तक, सभी विपक्षी दल धारा-370 की वापसी की बात कर रहे हैं.
इस बीच कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर के लिए अपना घोषणा पत्र जारी किया है. हालांकि हैरानी वाली बात ये है कि इस मेनिफेस्टो में आर्टिकल-370 का एक बार भी जिक्र नहीं है. जिसके बाद अब सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या कांग्रेस पार्टी अब धारा-370 के मसले पर बीजेपी के साथ आ गई है?
-भूमिहीन किसानों को हर साल 4 हजार रुपये.
-बेरोजगार युवाओं को एक साल तक हर महीने 3500 रुपये का भत्ता.
-गरीब परिवारों को 11 किलों मुफ्त राशन.
-सरकारी विभागों में खाली 1 लाख पदों की भर्ती.
-आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की महिला मुखिया को हर महीने 3 रुपये.
-सेब की फसल के लिए 72 रुपए प्रति किलोग्राम न्यूनतम मूल्य तय होगा.
-कश्मीरी पंडितों के लिए पुर्नवास प्रोग्राम फिर से लागू होगा.
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