चंडीगढ़: हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद नायब सिंह सैनी सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं. विपक्षी पार्टी कांग्रेस और जजपा ने दावा किया है कि भाजपा सरकार में अल्पमत में आ गई है. इस बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि अभी कुछ दिन पहले […]
चंडीगढ़: हरियाणा में 3 निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद नायब सिंह सैनी सरकार पर संकट के बादल छा गए हैं. विपक्षी पार्टी कांग्रेस और जजपा ने दावा किया है कि भाजपा सरकार में अल्पमत में आ गई है. इस बीच मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि अभी कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के लोगों ने विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया था, उस वक्त हमारी सरकार ने विश्वास मत हासिल किया था. अब जब विधानसभा का सत्र चलेगा तब इस मुद्दे पर बात की जाएगी.
सीएम सैनी ने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस के लोग अभी काफी जल्दी में है. हमारे साथ हरियाणा की जनता का विश्वास है और कांग्रेस जनता का विश्वास बहुत पहले ही खो चुकी है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि हमने 10 मई को राज्यपाल से मुलाकात का टाइम मांगा है. हमारे विधायकों का डेलिगेशन गर्वनर से मिलने जाएगा. दुष्यंत चौटाला को भी अपने विधायकों को लेकर वहां आना चाहिए. मौजूदा सरकार अल्पमत में आ चुकी है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करवाकर चुनाव कराने चाहिए.
वहीं, भाजपा की सहयोगी पार्टी रही जननायक जनता पार्टी (जजपा) ने भी गर्वनर को पत्र लिखकर नायब सिंह सैनी सरकार के बहुमत परीक्षण की मांग की है. जजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गुरुवार को राज्यपाल को पत्र लिखा. उन्होंने कहा कि अगर सरकार के पास बहुमत नहीं है तो तुरंत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर हॉर्स ट्रेडिंग के भी आरोप लगाए. मालूम हो कि दुष्यंत चौटावा भाजपा-जजपा की गठबंधन सरकार में करीब साढ़े 4 साल तक उपमुख्यमंत्री रहे थे.
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