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मॉब लिचिंग: गो-तस्करी के शक में भीड़ ने राजस्थान के अलवर में हरियाणा के अकबर खान को पीट-पीटकर मार डाला

राजस्थान के अलवर में गाय की तस्करी के आरोप में भीड़ की मॉब लिंचिंग हिंसा का शिकार बने हरियाणा के रहने वाले शख्स की पहचान अकबर खान के तौर पर हुई है. वह अपने गांव से दो गाय अलवर के रामगढ़ ले जा रहा था, जहां कुछ लोगों ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी.

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  • July 21, 2018 11:32 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

नई दिल्ली. हरियाणा के एक आदमी को राजस्थान में अलवर के रामगढ़ में गो-तस्करी के शक में शनिवार को मॉब लिंचिंग में भीड़ ने पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया. मरने वाले की पहचान अकबर खान के तौर पर हुई है. वह कथित तौर पर दो गायें अपने गांव कोलगांव से रामगढ़ के लालवंडी गांव में ले जा रहा था, जहां कुछ लोगों ने उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी. शव को अलवर के सरकारी अस्पताल में रखा गया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है.

सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को लिंचिंग पर नया कानून बनाने का निर्देश देने के चार दिन बाद यह घटना हुई है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुआई वाली 3 जजों की बेंच ने कहा था कि भीड़ हिंसा की इजाजत नहीं दी जा सकती.कोर्ट ने नरेंद्र मोदी सरकार को इस बारे में कानून बनाने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने राज्यों से कहा था कि वे 4 हफ्तों में निर्देशों को लागू करें.

पिछले साल पहलू खान और उसके परिवार को गोरक्षकों ने एनएच-8 पर बुरी तरह पीटा था. खान को कैलाश हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई थी. इसी तरह की घटना पिछले महीने उत्तर प्रदेश में हुई थी, जहां गुस्साई भीड़ ने 45 साल के शख्स को गोहत्या की अफवाह के बाद मार डाला था. इस घटना में उस शख्स के दोस्त को गंभीर चोटें आई थीं.

देश में लिंचिंग (भीड़ द्वारा व्यक्ति की हत्या) की घटनाओं के बीच फर्जी और भड़काऊ सामग्री को अपने प्लेटफार्म पर फैलने से रोकने में नाकाम रहने को लेकर सरकार द्वारा दूसरी बार चेतावनी मिलने के बाद वॉट्स एप ने शुक्रवार को कहा था कि वह भारत में एक ऐसा फीचर ला रही है, जिसके कारण उपयोगकर्ता सिर्फ पांच लोगों तक ही मैसेज फॉरवर्ड कर पाएंगे.

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने तीन जुलाई, 2018 को वॉट्सएप को अपने लिखित संदेश में वॉट्सएप मंच के माध्यम से फैलाए जा रहे भड़काऊ संदेशों के दुरुपयोग को रोकने के लिए शीघ्रता से कदम उठाने को कहा गया था. उसी दिन वॉट्सएप ने मंत्रालय को अपना जबाव देते हुए कहा कि इस तरह के संदेशों और झूठी खबरों को हटाने के लिए जरूरी प्रयास बढ़ाने की पहल की गई है.

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