Hardik patel won't contest Lok Sabha 2019 Elections: कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल लोकसभा 2019 चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. गुजरात हाई कोर्ट ने 2015 के मेहराणा दंगे में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
अहमदाबाद. कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल लोकसभा 2019 चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को झटका देते हुए उनकी सजा पर रोक लगाने वाली याचिका खारिज कर दी. 2015 के मेहसाणा दंगा मामले में उन्होंने अपनी सजा को रद्द कराने की अर्जी दाखिल की थी. लेकिन कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्ट, 1951 के तहत अब दोषी होने कारण हार्दिक पटेल लोकसभा 2019 चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.
हालांकि पटेल गुजरात हाई कोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं. सरकारी वकील मितेश आमिन ने जस्टिस एजी उरईजी के आगे दलील दी कि पटेल पर 17 मुकदमे चल रहे हैं, जो उनके व्यवहार को दर्शाता है. आमिन ने दावा किया कि 2015 में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले हार्दिक ने माना था कि वह मेहसाणा जिले से विसनगर में दंगे वाली जगह पर थे. यह बात हाई कोर्ट में सबूत के तौर पर सौंपी गई तस्वीरों के जरिए साबित होती है.
सरकारी वकील ने कहा, पटेल का कानून में विश्वास नहीं है और उन्होंने 2015 के विरोध-प्रदर्शन के दौरान कई उकसाने और भड़काने वाले बयान दिए थे. वहीं हार्दिक पटेल के वकील आईएच सैयद ने कहा कि अगर सजा पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे उनके मुवक्किल के लोकसभा चुनाव लड़ने का सपना टूट जाएगा.
वकील ने कहा, किसी ने हार्दिक पटेल को कथित तौर पर अपराध करते नहीं देखआ और निचली अदालत ने स्वतंत्र गवाहों की भी जांच नहीं की. जुलाई 2018 में विसनगर के सेशंस कोर्ट ने हार्दिक पटेल को दो साल की सजा सुनाई थी. 2015 पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान विसनगर में आगजनी और दंगा फैलाने पर उन्हें यह सजा सुनाई गई थी.
इसके बाद हाई कोर्ट ने अगस्त 2019 में उन्हें जमानत तो दे दी लेकिन उन्हें दोषी बनाए रखा. रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपुल एक्टर और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक अगर कोई शख्स दोषी है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता.