उत्तर प्रदेश के हापुड़ लिंचिंग मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार ने जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में दे दी है. वहीं याचिकाकर्ता ने एसआईटी द्वारा जांच करवाने की मांग की. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया. गौरतलब है कि 18 जून को मांस कारोबारी कासिम कुरैशी पर उग्र भीड़ ने हमला किया जिसमें उसकी मौत हो गई थी.
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के हापुड़ लिंचिंग मामले में योगी आदित्यनाथ सरकार ने जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में दे दी है. वहीं याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले की जांच को उत्तर प्रदेश से बाहर करवाने की मांग की. जिस पर सुप्रीम कोर्ट में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि मामले की जांच नए SHO, नोडल ऑफिसर भी देख रहे है और IG भी जांच को देख रहे है.
हापुड़ लिंचिंग मामले में पीड़ित पक्ष ने मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम द्वारा जांच की मांग की. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता को कहा कि ऑफिसर कोर्ट में है, जांच हो रही है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि जांच IG मेरठ रेंज की निगरानी में हो. जिस पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा कि इस मामले में नए एसएचओ और नोडल ऑफिसर जांच कर रहे है. साथ ही आई भी जांच देख रहे है. वह 60 दिनों में जांच पूरी कर लेंगे.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि हापुड़ लिंचिंग मामले में 11 आरोपियों में से 10 को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी. गौरतलब है कि 18 जून को मांस कारोबारी कासिम कुरैशी पर उग्र भीड़ ने हमला किया. इस मामले में 45 वर्षीय कुरैशी की मौत हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हापुड़ लिंचिंग मामले ने पुलिस ने उग्र भीड़ के हमले की बजाए इस मामले में रोडरेज का मुकदमा दर्ज किया है.
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