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बजट-2024 पेश होने से पहले हलवा सेरेमनी, जानें ऐसा क्यों करते हैं

नई दिल्ली : केंद्रीय बजट-2024 पेश होने से पहले मंगलवार (16 जुलाई) को नॉर्थ ब्लॉक में हलवा समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण भी उपस्थिति रहीं। मालूम हो कि बजट तैयार करने की “लॉक-इन” प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल एक परंपरा के तहत […]

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बजट-2024 पेश होने से पहले हलवा सेरेमनी, जानें ऐसा क्यों करते हैं
  • July 16, 2024 7:15 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

नई दिल्ली : केंद्रीय बजट-2024 पेश होने से पहले मंगलवार (16 जुलाई) को नॉर्थ ब्लॉक में हलवा समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण भी उपस्थिति रहीं। मालूम हो कि बजट तैयार करने की “लॉक-इन” प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल एक परंपरा के तहत हलवा समारोह या हलवा सेरेमनी का आयोजन किया जाता है।

क्यों होता है ‘हलवा समारोह’?

वित्त मंत्री की ओर से बजट से ठीक पहले एक हलवा समारोह का आयोजन किया जाता है। यह हलवा समारोह इस बात का परिचायक होता है कि बजट को अंतिम रूप दिया जा चुका है और इसके छपने का काम शुरू हो चुका है। इस समारोह में बड़ी संख्या में बजट तैयार करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया जाता है। दरअसल, वित्त मंत्रालय के बजट विभाग के जितने भी अधिकारी बजट बनाने के कार्य में जुटे होते हैं, उन्हें संसद में बजट पेश होने तक अपने परिवारों से संपर्क नहीं करने दिया जाता। ऐसे में सरकार उनकी मेहनत को लेकर आभार प्रकट के लिए हलवा समारोह का आयोजन करती है।

कैसे मनाया जाता है हलवा समारोह ?

हलवा सेरेमनी एक परंपरागत कार्यक्रम है जिसे बजट की छपाई से पहले मनाया जाता रहा है। कहा जाता है लंबे समय तक चलने वाली बजट बनाने की प्रक्रिया की समाप्ति के बाद मीठा खाकर बजट की छपाई को औपचारिक रूप से हरी झंडी दिखाई जाती है। वित्त मंत्री कड़ाही को हिलाती हैं और अधिकारियों को हलवा परोसकर बजट के लिए हरी झंडी दिखाई जाती है। यह समारोह वित्त मंत्रालय के नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में होता है, जहां बजट की छपाई के लिए एक विशेष प्रिंटिंग प्रेस मौजूद है।

पूरी गोपनीयता के साथ बजट तैयार

कहते हैं कि संसद में बजट पेश होने से पहले करीब 10 दिनों तक बजट से जुड़े वित्त मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में ही रहते हैं। जहां पूरी गोपनीयता रखी जाती है। दावों के मुताबिक मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों पर इंटेलिजेंस ब्यूरो की चौबीसों घंटे निगरानी रहती है, उन्हें प्रियजनों से संपर्क करने की भी अनुमति नहीं होती। यहां तक की उन्हें फोन करने की भी इजाजत नहीं होती है। सीसीटीवी के एक मजबूत नेटवर्क और जैमर के जरिए उन्हें बाहरी संपर्क से काट कर रखा जाता है। बताया जाता है 1950 तक बजट दस्तावेज की छपाई राष्ट्रपति भवन में होती रही लेकिन उसी वर्ष एक लीक हो जाने के बाद इसे मिंटो रोड और बाद में नॉर्थ ब्लॉक के बेसमेंट में स्थानांतरित कर दिया गया। उसके बाद बजट की छपाई स्थायी रूप से इसी प्रिंटिंग प्रेस में होने लगी।

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