नई दिल्ली। उत्तराखंड के हल्द्वानी(Haldwani Violence) जिले के वनभूलपुरा में मलिक के बगीचे में अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए गई पुलिस और अधिकारियों पर पथराव और हुए हमले के बाद फैली हिंसा में कुल 6 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा लगभग 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। बता दें कि बीते […]
नई दिल्ली। उत्तराखंड के हल्द्वानी(Haldwani Violence) जिले के वनभूलपुरा में मलिक के बगीचे में अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए गई पुलिस और अधिकारियों पर पथराव और हुए हमले के बाद फैली हिंसा में कुल 6 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा लगभग 250 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। बता दें कि बीते गुरुवार को मदरसे और धार्मिक स्थल तोड़ने के दौरान बड़ा बवाल उठ खड़ा हुआ। जिसमें गुस्साई भीड़ ने वनभूलपुरा थाना को आग के हवाले कर दिया।जिसके बाद, बढ़ते तनाव को देखते हुए जिले की सभी दुकानों को बंद करने का निर्देश दिया गया। साथ ही हिंसाग्रस्त इलाके में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है। बता दें कि विकासखंड के सभी स्कूलों को आज तक के लिए बंद रखने का आदेश दिया गया था। इस समय पूरा हल्द्वानी शहर छावनी में तब्दील है।
बता दें कि इस हिंसा(Haldwani Violence) में घायल हुए लोगों में कई पुलिसकर्मी, सरकारी कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं। दरअसल, अधिकारी पुलिस टीम के साथ सरकारी जमीन बने मदरसे, मस्जिद को तोड़ने पर बवाल शुरू हुआ। यहां मलिक का बगीचा इलाके में अवैध मदरसा और मस्जिद बने थे। यहां जिले में पुलिस, पीएसी और अर्धसैनिक बल मोर्चा संभाले हुए हैं। यहां गुरुवार की पूरी रात प्रशासन हमला करने वाले दंगाइयों की पहचान में लगा रहा। यही नहीं, हिंसा होने के बाद सीएम पुष्कर धामी ने हल्द्वानी के वनभूलपुरा में अवैध निर्माण हटाए जाने के दौरान पुलिस और प्रशासन के अफसरों पर हुए हमले के मामले को काफी गंभीरता से लिया। इसके लिए उन्होंने अशांति फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने के निर्देश दिया।
जानकारी के अनुसार, वनभूलपुरा के इंदिरा नगर इलाके में मलिक के बगीचे में बने अवैध मदरसे और मस्जिद को नगर निगम की टीम ने जेसीबी मशीन द्वारा ध्वस्त कर दिया। इस मौके पर नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह, उप जिलाधिकारी परितोष वर्मा के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। बताया जाता है कि जैसे ही कार्रवाई शुरू हुई, बड़ी संख्या में महिलाओं समेत गुस्साए स्थानीय निवासी कार्रवाई का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर आए। जिसके बाद उन्होंने बैरिकेड तोड़ते हुए विध्वंस की कार्रवाई में लगे पुलिसकर्मियों के साथ बहस करना शुरू कर दिया।
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