नई दिल्ली. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड, एचएएल के चेयरमैन आर माधवन गुरुवार को एयरो इंडिया शो के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने राफेल डील पर बात की. उन्होंने राफेल सौदे पर कंपनी का पक्ष रखते हुए कहा कि कंपनी को राफेल रक्षा सौदे में कोई दिलचस्पी नहीं है. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भारत की एक हथियार निर्माता कंपनी है.
कंपनी के चेयरमैन ने कहा कि भारत सीधे 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद रहा है जिनका निर्माण भारत में नहीं हो रहा है. यही कारण है कि जिन विमानों का निर्माण भारत में नहीं हो रहा है है उनमें हमें किसी तरह की दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘यदि इन राफेल विमानों का निर्माण देश में ही ‘मेक इन इंडिया’ के तहत हो रहा होता तो हम भी इनमें अपनी ओर से किसी तरह की दिलचस्पी दिखाते. हम ऑफसेट या प्रत्यक्ष खरीद में रुचि नहीं रखते हैं.’ उन्होंने कहा कि, ‘हमने सरकार के सामने एक प्रस्ताव रखा है और हमें आशा है कि आने वाले समय में सुखोई-30 एमकेआई फाइटर जेट की एक नई स्क्वाड्रन बनाने के लिए हमें कहा जाएगा.’
साथ ही उन्होंने कहा कि स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस के निर्यात की संभावनाओं पर भी कंपनी विचार कर रही है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि कंपनी की आर्थिक स्थिति इस समय अच्छी है और कंपनी हर साल 16 एलसीए मार्क 1ए (तेजस) बना सकती है. बता दें कि राफेल विमान सौदे को लेकर सरकार पर कई तरह के आरोप लगे हैं. एक आरोप ये भी लगा था कि सरकार ने इस डील में फ्रांस की कंपनी को ज्यादा रकम चुकाई है.
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