राहुल वायनाड या रायबरेली में कोई एक सीट न छोड़ते तो दोनों से हाथ धोते, जानें कैसे

नई दिल्ली: 2019 से 2024 तक वायनाड सीट से सांसद रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार यह सीट छोड़ने का फैसला किया है. राहुल अब वायनाड की जगह रायबरेली संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे. सोमवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर करीब दो घंटे तक हुई बैठक के बाद राहुल […]

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राहुल वायनाड या रायबरेली में कोई एक सीट न छोड़ते तो दोनों से हाथ धोते, जानें कैसे

Vaibhav Mishra

  • June 17, 2024 8:12 pm Asia/KolkataIST, Updated 5 months ago

नई दिल्ली: 2019 से 2024 तक वायनाड सीट से सांसद रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बार यह सीट छोड़ने का फैसला किया है. राहुल अब वायनाड की जगह रायबरेली संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे. सोमवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर पर करीब दो घंटे तक हुई बैठक के बाद राहुल ने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला लिया.

वायनाड में होने वाले उपचुनाव में प्रियंका गांधी कांग्रेस की उम्मीदवार होंगी. मालूम हो कि लोकसभा चुनाव 2024 में राहुल गांधी ने केरल की वायनाड और उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से जीत हासिल की थी.

राहुल अगर कोई सीट ना छोड़ते तब क्या होता?

बता दें कि भारतीय संविधान के तहत कोई भी व्यक्ति एक साथ संसद के दोनों सदनों या फिर संसद और राज्य विधानसभा का सदस्य नहीं हो सकता है. इसके साथ ही न ही वो एक सदन में एक से अधिक सीटों का प्रतिनिधित्व कर सकता है. संविधान के अनुच्छेद 101 (1) में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 68 (1) के तहत अगर कोई नेता दो लोकसभा या विधानसभा सीटों से चुनाव जीतता है, तो फिर उसे परिणाम घोषित होने के 14 दिन के अंदर ही एक सीट छोड़नी होती है.

अगर वह एक सीट नहीं छोड़ता है, तो फिर उसकी दोनों सीटें रिक्त घोषित हो जाती हैं. यानी अगर राहुल कोई एक सीट नहीं छोड़ते तो उन्हें दोनों सीट से हाथ धोना पड़ता.

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