पटना/नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव-2024 में उम्मीद के मुताबिक परिणाम ना मिल पाने से निराश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हरियाणा के चुनावी नतीजों ने नई ऊर्जा दी है. यहां भाजपा का लगातार तीसरी बार जनता ने सरकार चलाने का मौका दिया है. यह जीत ना सिर्फ हरियाणा में भाजपा को फिर से सत्ता दिलाएगी बल्कि […]
पटना/नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव-2024 में उम्मीद के मुताबिक परिणाम ना मिल पाने से निराश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हरियाणा के चुनावी नतीजों ने नई ऊर्जा दी है. यहां भाजपा का लगातार तीसरी बार जनता ने सरकार चलाने का मौका दिया है. यह जीत ना सिर्फ हरियाणा में भाजपा को फिर से सत्ता दिलाएगी बल्कि केंद्र में उसकी सरकार को स्थिर रखने में मददगार भी होगी.
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अगर हरियाणा में भाजपा को हार मिलती तो उसको दिल्ली में भी सरकार चलाने में दिक्कत खड़ी हो सकती थी. राजनीतिक विश्लेषक और जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर भी कई बार कह चुके हैं कि आगामी चार-पांच विधानसभा चुनाव नरेंद्र मोदी सरकार की स्थिरता के लिए काफी महत्वपूर्ण होंगे. अगर इन चुनावों में बीजेपी हारती है तो उसकी केंद्र वाली सरकार खतरे में आ सकती है.
सियासी गलियारों में चलने वाली चर्चाओं की मानें तो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की मजबूती हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव पर निर्भर है. इनमें हरियाणा में बीजेपी ने सत्ता में वापसी कर ली है. वहीं जम्मू-कश्मीर में पार्टी ने 29 सीटें जीतकर पिछली बार की तुलना में ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है. अब सबकी नजरें झारखंड और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों पर है.
मालूम हो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके विरोधी अक्सर पलटूराम कहकर बुलाते हैं. नीतीश पिछले एक दशक में चार बार पाला बदल चुके हैं. यानी वह एनडीए और विपक्षी गठबंधन का चक्कर काट चुके हैं. ऐसे में 16 लोकसभा सांसदों वाली नीतीश की पार्टी जेडीयू को लेकर सभी संशय में रहते हैं. आए दिन अफवाहें उड़ती रहती हैं कि नीतीश पलटी मार सकते हैं. पिछले दिनों लालू याद की पार्टी राजद के विधायक भाई वीरेंद्र ने भी दावा किया था कि नीतीश के दिमाग में बहुत कुछ चल रहा है और वह जल्द ही पलटी मार सकते हैं.
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