नई दिल्लीः एपल की ओर से अलर्ट आने के विवाद पर सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र के साथ ही उन्होंने एपल से मिले अलर्ट की एक प्रति भी शेयर की है। इसमें उन्होंने कहा कि मेरी निगरानी की जा रही है। उन्होंने आशंका भी जताई है कि उनके मोबाइल फोन तक रिमोट एक्सेस का इस्तेमाल उनके डिवाइस पर जानकारी प्लांट करने और फिर उन्हें दोषी करार के लिए किया जा सकता है।
मोदी को लिखे अपने पत्र में सीताराम येचुरी ने कहा कि यह भारत के संविधान द्वारा अपने सभी देशवासियों को दिए गए मौलिक अधिकारों का घोर उल्लंघन है। एक निगरानी राज्य लोकतंत्र के खिलाफ है। येचुरी ने पत्र में कहा कि मेरा काम एक खुली किताब है और छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए, इस तरह की जासूसी का मतलब मेरे मोबाइल में कोई मनगढ़ंत सामग्री डालने और फिर उसके आधार पर मुझे दोषी ठहराने का है। पत्र में उन्होंने कहा कि आपके नेतृत्व वाली इस सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों के घोर दुरुपयोग को देखते हुए ऐसी संभावना लाजमी है।
येचुरी ने यह भी कहा कि पीएम ने भारत के संविधान को कायम रखने की शपथ ली है। इसके बजाय, लोकतंत्र और नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों का घोर उल्लंघन हो रहा है। यह अस्वीकार्य है। पत्र में येचुरी ने प्रधानमंत्री मोदी से उनकी प्रतिक्रिया भी मांगी है।
इससे पहले, विपक्ष के कई नेताओं ने दावा किया है कि उनके मोबाइल पर फोन निर्माताओं द्वारा एक मैसेज भेजा गया है, जिसमें कहा गया कि उनके मोबाइल में सरकार समर्थित हैकरों द्वारा हैकिंग की कोशिश की गई है। जिन नेताओं ने यह शिकायत की है, उनमें तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, शिवसेना (उद्धव गुट) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा शामिल हैं।
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