नई दिल्लीः ज्ञानवापी परिसर की सिलबंद सर्वे रिपोर्ट को लेकर जिला जज डॉ अजय कृण्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार यानी 24 जनवरी को फैसला सुना दिया है। जिला जज ने सर्वें रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आदेश जारी कर दिया है। भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण ने पहले ही रिपोर्ट अदालत में दाखिल कर दी थी। […]
नई दिल्लीः ज्ञानवापी परिसर की सिलबंद सर्वे रिपोर्ट को लेकर जिला जज डॉ अजय कृण्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार यानी 24 जनवरी को फैसला सुना दिया है। जिला जज ने सर्वें रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आदेश जारी कर दिया है। भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण ने पहले ही रिपोर्ट अदालत में दाखिल कर दी थी।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि आज अदालत ने दोनों पक्षों को सुना और सहमति बनी कि एएसआई की रिपोर्ट की हार्ड कॉपी दोनों पक्षों को दी जाएगी। एएसआई ई मेल के जरिए रिपोर्ट देने पर आपत्ति जता रही थी, इसलिए दोनों पक्ष की हार्ड कॉपी प्राप्त करने पर सहमत हुए। वहीं नकल के लिए पक्षकार कोर्ट में आवेदन देंगे।
मां शृंगार गौरी केस की वादिनी सीता साहू, रेखा पाठक, मंजू व्यास और लक्ष्मी देवी की तरफ से सर्वे रिपोर्ट की प्रति दिए जाने का आग्रह अदालत से किया था। वादिनी महिलाओं का कहना था कि यह जनता का मुद्दा है। हिंदू पक्ष की ही एक अन्य वादिनी राखी सिंह का कहना था कि कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट के अध्ययन का अधिकार वादी पक्ष को है।
वहीं, अंजुमन इंतेजामिया मसजिद कमेटी का कहना है कि यदि सर्वे रिपोर्ट वादिनी महिलाओं को दी जाती है तो उन्हें भी दी जानी चाहिए। उधर, एएसआई का कहना है कि जब तक प्राचीन मूर्ति स्वयंभू ज्योतिर्लिंग न्यायाधीश विश्वेश्वरनाथ के मुकदमे में ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट की प्रति वह दाखिल न कर दे, तब तक उसे सार्वजनिक न किया जाए।