Advertisement
  • होम
  • देश-प्रदेश
  • ज्ञानवापी केस: हिंदू पक्ष में फैसला, अब क्या होगा मुस्लिम पक्ष का अगला कदम ?

ज्ञानवापी केस: हिंदू पक्ष में फैसला, अब क्या होगा मुस्लिम पक्ष का अगला कदम ?

वाराणसी. ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में वाराणसी जिला कोर्ट का फैसला आ गया है और जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया है. जिला कोर्ट के जज अजय कृष्णा विश्वेश ने ये फैसला सुनाया है, उन्होंने श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजन-दर्शन की अनुमति की मांग वाली याचिका को सुनवाई के लायक बताया है, […]

Advertisement
Gyanvapi Case
  • September 12, 2022 5:11 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

वाराणसी. ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मंदिर मामले में वाराणसी जिला कोर्ट का फैसला आ गया है और जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया है. जिला कोर्ट के जज अजय कृष्णा विश्वेश ने ये फैसला सुनाया है, उन्होंने श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजन-दर्शन की अनुमति की मांग वाली याचिका को सुनवाई के लायक बताया है, अब इस मामले में 22 सितंबर को सुनवाई होगी.

नहीं लागू होता वर्शिप एक्ट

हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि इस फैसले में 1991 का प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता है, इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के सभी दावों को खारिज कर दिया है.

दरअसल, मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के तहत कोई भी फैसला लेने पर मनाही है, बता दें 1991 का ये कानून कहता है कि 15 अगस्त 1947 से पहले जो धार्मिक स्थल जिस रूप में था, वो उसी रूप में रहेगा. हालांकि, अयोध्या का मामला इससे अलग रखा गया था. इसी पर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि इस मामले में भी प्लेसेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट लागू होता है, हालांकि कोर्ट ने साफ़ कह दिया है कि इस मामले में प्लेसेस ऑफ़ वर्शिप एक्ट लागू नहीं होगा.

क्या करेगा मुस्लिम पक्ष

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महल ने एक बयान जारी कर कहा कि इस पूरे फैसले को पढ़ा जाएगा और उसके बाद ही आगे क्या करना है, ये तय किया जाएगा. उन्होंने बताया कि बाबरी मस्जिद मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 1991 के वर्शिप एक्ट के सिलसिले में जो कहा था, उससे उम्मीद जगी थी कि अब देश में मंदिर-मस्जिद से जुड़े सारे विवाद हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं और इस पर हमारी लीगल टीम स्टडी करेगी कि आगे क्या कदम उठाना है. मुस्लिम पक्ष अभी इस फैसले को किसी ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात साफ-साफ नहीं कह रहा है, लेकिन माना यही जा रहा है कि मुस्लिम पक्ष इस फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दे सकता है.

 

Gyanvapi Case: जिला कोर्ट ने हिंदू पक्ष के हक में दिया फैसला, ज्ञानवापी श्रंगार गौरी केस को बताया सुनने लायक

सोनाली फोगाट हत्या की सीबीआई जांच के लिए गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखेंगे प्रमोद सावंत

Tags

Advertisement