नई दिल्लीः भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए जिला जज की अदालत से तीन हफ्ते का वक्त मांगा है। जिस पर जिला अदालत में 29 नवंबर यानी आज सुनवाई स्थगित कर दी गई। साथ ही व्यास जी की गद्दी को डीएम को सुपुर्द किये जाने के […]
नई दिल्लीः भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए जिला जज की अदालत से तीन हफ्ते का वक्त मांगा है। जिस पर जिला अदालत में 29 नवंबर यानी आज सुनवाई स्थगित कर दी गई। साथ ही व्यास जी की गद्दी को डीएम को सुपुर्द किये जाने के मामले में भी सुनवाई नहीं हो सका। समय की कमी के कारण दोनों मामलों की सुनवाई टल गई है। न्यायालय ने अगली तारीख 30 नवंबर की दी है। बता दें कि मंगलवार को एक अधिवक्ता के निधन के कारण सनवाई नहीं हो पाई थी।
जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्ववेश की अदालत ने सील वजूखाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश 21 जुलाई को जारी किया था। 24 जुलाई से एएसआई ने सर्वे शुरू किया तो अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी उच्चतम न्यायालय पहुंच गई। उच्चतम न्यायालय ने सर्वे के आदेश पर रोक लगाई और मसाजिद कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं और चार अगस्त को जिला जज के आदेश को सही करार दिया। चार अगस्त से एएसआई ने सर्वे शुरू किया, जो अक्टूबर महीने के अंत तक चला। दो नवंबर को एएसआई ने जिला जज की अदालत को बताया कि सर्वे पूरा हो गया, लेकिन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त वक्त की जरूरत है। एएसआई ने कहा था कि जीपीआर तकनीक से हुए सर्वे की रिपोर्ट बनाने में समय लग रहा है। कोर्ट ने दो बार समयसीमा बढ़ाई थी। वहीं मंगलवार को समय सीमा पूरी हो गई। अब उम्मीद की जा रही कि इस बार रिपोर्ट दाखिल हो जाएगी।