लखनऊ: ज्ञानवापी परिसर केस में मुख्य वादिनी राखी सिंह की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में दूसरी कैविएट दाखिल की गई है. वहीं इससे पहले भी इस मामले मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से हाईकोर्ट के समक्ष मस्जिद कमेटी द्वारा सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 115 के तहत संभावित पुनरीक्षण याचिका की स्थिति में एक […]
लखनऊ: ज्ञानवापी परिसर केस में मुख्य वादिनी राखी सिंह की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट में दूसरी कैविएट दाखिल की गई है. वहीं इससे पहले भी इस मामले मुख्य वादिनी राखी सिंह की तरफ से हाईकोर्ट के समक्ष मस्जिद कमेटी द्वारा सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 115 के तहत संभावित पुनरीक्षण याचिका की स्थिति में एक कैविएट दाखिल की गई है, वहीं अब सुप्रीम कोर्ट का आदेश सामने आने के बाद राखी सिंह ने देर रात ई फाईलिंग मोड से दूसरी कैविएट दर्ज की है.
कल सोमवार (24 जुलाई) को ज्ञानवापी वैज्ञानिक सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी को संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत और सिविल प्रक्रिया संहिता,1908 की धारा 115 के तहत उच्च न्यायलय में याचिका दाखिल करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद ही राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी के जरिए बीती रात ई-फाईलिंग मोड से दूसरी कैविएट दर्ज की गई है, जिससे मस्जिद कमेटी के जरिए सिविल प्रक्रिया संहिता अथवा संविधान के अनुच्छेद 227 के तहत अगर याचिका मस्जिद कमेटी लाती है ऐसी मामले में मुख्य हिन्दू पक्षकार को सुने बगैर अदालत कोई निर्णय ना ले.
दरअसल श्रृंगार गौरी मामले की मुख्य हिंदू पक्षकार राखी सिंह की ओर से अधिवक्ता सौरभ तिवारी उच्च न्यायालय के समक्ष पक्ष रखेंगे. बता दें कि जिला जज वाराणसी के एएसआई सर्वे के 21 जुलाई के फैसले के खिलाफ मस्जिद कमेटी आज मंगलवार (25 जुलाई) को इलाहाबाद हाई कोर्ट के सामने याचिका दर्ज कर सकता है. इसके अलावा मुस्लिम पक्ष की तरफ से जिला जज के फैसले को रद्द किए जाने और आखिरी निर्णय आने तक इस पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की जाएगी.