नई दिल्लीः ज्ञानवापी(Gyanvapi Case:) मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट आज आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जिला न्यायालय में पेश होनी थी। लेकिन एएसआई की टीम ने ज्ञानवापी(Gyanvapi Case:) परिसर में किए गए वैज्ञानिक सर्वे रिपोर्ट को पेश करने के लिए एक बार फिर से तीन हफ्ते की मोहलत मांगी है।। गौरतलब कि 100 दिनों के […]
नई दिल्लीः ज्ञानवापी(Gyanvapi Case:) मस्जिद परिसर की वैज्ञानिक सर्वेक्षण रिपोर्ट आज आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया जिला न्यायालय में पेश होनी थी। लेकिन एएसआई की टीम ने ज्ञानवापी(Gyanvapi Case:) परिसर में किए गए वैज्ञानिक सर्वे रिपोर्ट को पेश करने के लिए एक बार फिर से तीन हफ्ते की मोहलत मांगी है।। गौरतलब कि 100 दिनों के सर्वेक्षण रिपोर्ट की समय सीमा आज खत्म हो रही है। वहीं 17 नवंबर को वाराणसी जिला न्यायालय की तरफ से एएसआई की टीम को 10 दिन का अतिरिक्त समय भी दिया गया था।
हिंदू पक्ष की तरफ से मुख्य पक्षकार डॉ. सोहन लाल ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर को सौंपे जाने के लिए 39 वर्षों से संघर्ष जारी है, तकरीबन 29 वर्षों से अदालत में लड़ाई लड़ी जा रही है। हम सब का बस एक ही उद्देश्य है कि इस पूरे परिसर को बाबा काशी विश्वनाथ को सौंप दिया जाए। बता दें कि इस दौरान हमे पाकिस्तान से दो बार सिर कलम करने की भी धमकी मिली। लेकिन धमकी मिलने के बाद मुकदमे को संघर्ष के साथ अधिक रफ्तार से आगे बढ़ाया। हम चाहते हैं कि इस मामले में सनातन संस्कृति के साथ न्याय हो।
मुख्य पक्षकार 72 वर्षीय सोहनलाल आर्य ने कहा कि कोर्ट कमिशन की कार्रवाई के बाद एएसआई सर्वे हुआ। इस सर्वे के दौरान मिले कई प्रमाण ज्ञानवापी परिसर का असली अस्तित्व बताते हैं। बता दें कि दीवारों पर त्रिशूल, डमरू की आकृति, अवशेष, नंदी के मुख ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वास्तविक इतिहास बता रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया था, सर्वे की समय सीमा बढ़ाए जाने पर।
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