गुरुग्राम: फोर्टिस के बाद मेदांता ने डेंगू के इलाज पर थमाया 16 लाख का बिल, फिर भी नहीं बची बच्चे की जान

मेदांता अस्पताल मामले में गुरुग्राम पुलिस पीआरओ ने बताया है कि शुक्रवार को सदर थाने में शिकायत दर्ज की जा चुकी है. इस शिकायत में मेंदाता अस्पताल पर यह आरोप लगा है कि एक सात वर्षीय बच्चा जो डेंगू का मरीज था, उसको इस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था लेकिन उसकी मौत हो गई.

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गुरुग्राम: फोर्टिस के बाद मेदांता ने डेंगू के इलाज पर थमाया 16 लाख का बिल, फिर भी नहीं बची बच्चे की जान

Aanchal Pandey

  • December 24, 2017 1:00 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 years ago

गुरुग्राम. गुरुग्राम में इलाज के बदले अस्पताल के द्वारा लाखों रुपए वसूलने का मामला सामने आया है. मेदांता हॉस्पिटल ने डेंगू से पीड़ित एक 7 वर्षीय लड़के के माता-पिता को इलाज के लिए 16 लाख रुपये का बिला थमा दिया. लेकिन बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी. मृतक बच्चे के पिता ने अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. इससे पहले गुरुग्राम के ही फोर्टिस अस्पताल में डेंगू से पीड़ित बच्ची की मौत हो गई थी. फोर्टिस अस्पताल ने भी बच्ची के शव के बदले 16 लाख की मांग की थी. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से प्राइवेट अस्पतालों द्वारा लूट और लापरवाही की शिकायतें आ रही है. इस फेहरिस्त में मैक्स और के बाद नया नाम गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल का जुड़ गया है.

बच्चे के पिता ने शिकायत की है कि मेंदाता अस्पताल में उन्होंने सात वर्षीय बेटे को डेंगू के इलाज के लिए अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया था लेकिन उसकी मौत हो गई. जिसके बाद शव के बदले मौत के बाद परिजनों का एक भारी भरकम बिल थमाया गया. बता दें कि गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल पर सात साल के शौर्य प्रताप की 22 दिन के इलाज के मौत हो गई। शौर्य की मौत के बाद मेदांता ने परिजनों को 16 लाख रुपयों का बिल थमाया था. इसके बाद बच्चे के पिता ने पुलिस और स्वास्थ्य विभाग में शिकायत दर्ज कराई. गुरुग्राम पुलिस पीआरओ ने बताया है कि सदर थाने में शिकायत दर्ज की जा चुकी है. शिकायतकर्ता ने मेदांता अस्पताल (गुरुग्राम) पर आरोप लगाया है कि डेंगू से पीडि़त बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन पर भारी बिल लगाया गया. जांच चल रही है.

जानकारी के अनुसार राजस्थान के गोपेंद्र सिंह परमार अपने 7 साल के बच्चे शौर्य प्रताप सिंह को तेज बुखार आने के बाद 29 अक्टूबर को गुरूग्राम के मेदांता में भर्ती किया था. पिता ने हॉस्पिटल पर आरोप लगाया कि उनसे पहले ही दिन 50 हजार रुपये जमा कराए गए थे. बच्चे के पिता ने कहा कि उनका बेटा वहां 21 दिनों से अस्पताल में भर्ती था, जिसके बदले अस्पताल ने 15.88 लाख का बिल सौंप दिया. उन्होंने कहा कि जब मेदांता में डॉक्टरों को लगा कि बच्चे की हालत ऐसी है कि उसे अब वहां नहीं रखा जा सकता है, तब उन्होंने हमें उसे सरकारी अस्पताल में भर्ती करने को कहा, इसलिए हमने उसे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती करा दिया.

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