जयपुर. राजस्थान में एक बार फिर गुर्जर आरक्षण आंदोलन शुरू हो गया है. गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में शुक्रवार को गुर्जरों ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया. जिसके कारण कई ट्रेनें रद्द हो गईं तो कईयों के रूट बदले गए. गुर्जर लंबे समय से राजस्थान सरकार से स्पेशल बैकवर्ड कैटगरी (एसबीसी) यानि विशेष पिछड़ा वर्ग में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं. गुर्जरों के फिर आंदोलन पर उतर जाने से राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की अशोक गहलोत सरकार की चिंता बढ़ा दी है. साथ ही रेलवे ट्रैक बाधित होने से आमजन को भी खासी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है. आइए जानते हैं कि कौन हैं गुर्जर आरक्षण आंदोलन के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनकी सरकार से क्या मांग है.
कौन हैं कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला-
बैंसला भारतीय सेना से रिटार्यड कर्नल हैं और गुर्जर समाज से ताल्लुक रखते हैं. सेना में जाने से पहले बैंसला ने शिक्षक के रूप में भी कार्य किया था. 2007 में सबसे पहले इन्होंने राजस्थान में जातिगत आरक्षण आंदोलन की शुरुआत की थी. उस समय बैंसला ने गुर्जर समाज के लोगों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की मांग की. साथ ही आंदोलन की एक कमेटी गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति भी बनाई. इस समिति के अध्यक्ष खुद कर्नल बैंसला हैं. समिति ने आरक्षण की मांग को लेकर 2007 से लेकर अब तक कई बार प्रदर्शन किए. कई दिनों तक देश के प्रमुख रेलमार्ग समेत हाईवे जाम रहे. कई बार प्रदर्शनों ने हिंसक रूप लिया और जानें भी गईं.
गुर्जर आरक्षण आंदोलन की पूरी कहानी-
राजस्थान में सबसे पहले 2006 में आरक्षण की मांग उठी थी. कर्नल बैंसला के नेतृत्व में 2007 में गुर्जर समाज का उग्र आंदोलन हुआ. गुर्जरों ने राज्य में जगह-जगह प्रदर्शन किए. इन्हें रोकने के लिए पुलिस ने कई जगहों पर फायरिंग भी की, जिसमें 26 लोगों की मौत हुई. हालांकि इसके बाद आंदोलन थोड़ा ठंडा पड़ा लेकिन 2008 में फिर उग्र आंदोलन हुआ. राजस्थान के भरतपुर जिले में कर्नल बैंसला अपने समर्थकों के साथ रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और रूट जाम कर दिया. कई दिनों तक दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक जाम रहा. कई ट्रेनें रद्द हुईं और कईयों के रूट बदले गए. इसके अलावा गुर्जरों ने राज्य में जगह-जगह सड़कें भी जाम कर दीं जिससे आवागमन ठप हो गया. प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़पें हुईं. पुलिस ने जवाब में फायरिंग की और 2008 में भी करीब 3 दर्जन लोग मारे गए.
हालांकि इसके बाद गुर्जर आंदोलन ठंडा हो गया. राज्य सरकार के साथ कई बार बैंसला की वार्ता हुई लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल पाया. चुनाव के वक्त कांग्रेस और भाजपा दोनों ने गुर्जरों को आरक्षण देने का लालच भी दिखाया लेकिन किसी ने भी इसे लागू करने की जहमत नहीं उठाई. हालांकि बाद में गुर्जर आरक्षण आंदोलन में कई गुट बन गए. एक धड़े ने बैंसला को साइड कर अलग से आंदोलन करते रहे.
अब एक बार फिर राजस्थान में गुर्जर सड़क पर उतर आए हैं. राज्य में कुछ ही महीनों पहले बनी कांग्रेस की नई सरकार को बैंसला ने 20 दिन पहले चेतावनी दे दी थी. बैंसला ने कहा था कि राज्य सरकार जल्द से जल्द गुर्जर जाति को एसबीसी कैटगरी में 5 फीसदी आरक्षण दे, नहीं तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. हालांकि अशोक गहलोत सरकार ने बैंसला की चेतावनी पर विचार नहीं किया और शुक्रवार को फिर से उनके नेतृत्व में गुर्जरों ने पटरियां जाम कर दी है.
आज आईपीएल 25 के लिए चल रहे मॉक ऑक्शन में पंजाब किंग्स ने सबसे ऊंची…
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले से एक ऐसी शादी की घटना सामने आई है, जहां…
फिल्म निर्माता सुभाष घई हिंदी सिनेमा के सबसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं में से एक मनोज बाजपेयी…
अय्यर के शतक जड़ते ही आईपीएल मॉक औक्सन में उनकी किस्मत चमक गई. आईपीएल 2025…
जीमेल यूजर्स को Google Photos, Gmail,Google Drive और बाकी सर्विसेस के लिए 15GB का फ्री…
हाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अभिनेता एजाज खान मुंबई की वर्सोवा सीट से चुनाव लड़ रहे…